लखनऊ। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज यानी इस्लामिक धार्मिक केंद्र के आयोजन में उत्तर प्रदेश के 157 लोगों के शामिल होने की खबर है। इसकी सूचना के बाद शासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद तब्लीगी मरकज में गए उत्तर प्रदेश के लोगों के बारे जानकारी जुटाने के लिए डीजीपी मुख्यालय ने एक पत्र जारी कर सभी जिलों से जानकारी माँगी।
डीजीपी ऑफिस ने संबंधित जिलाधिकारियों को निजामुद्दीन मरकज में ठहरे यूपी के लोगों की लिस्ट देकर उनसे संपर्क करने और उनका कोरोना वायरस टेस्ट कराने का निर्देश दिया। 18 जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि जमात में शामिल लोगों की पहचान कर उनकी मेडिकल जाँच कराई जाए।
आदेश के बाद तेजी से हरकत में आई उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया है कि उन सभी 157 लोगों को ट्रेस कर लिया गया है, जो कि निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर के लोग तब्लीगी जमात में शामिल होने गए थे। इसमें शामिल लोगों की लिस्ट इन जिले के पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई है। डीजीपी ने सभी एसपी ने मंगलवार (मार्च 31, 2020) दोपहर 3 बजे तक रिपोर्ट तलब की है।
बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुए तब्लीगी जमात में अलग-अलग राज्यों के लोग शामिल हुए थे। इस आयोजन में लोगों को धर्म की शिक्षा देकर इसके प्रचार-प्रसार के लिए देश के अलग-अलग मस्जिदों में भेजा गया था। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में देश विदेश से तकरीबन 1500 से 1700 लोग जुटे थे। लॉकडाउन के बाद भी ये लोग छिपकर मरकज में ही रह रहे थे। निजामुद्दीन स्थित मरकज बिल्डिंग में मौजूद अब तक 24 लोग कोरोना वायरस से पॉजिटिव निकले हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि मरकज में शामिल 300 लोगों को अब तक अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, जबकि करीब 700 से 800 लोगों को आइसोलेट किया गया है।
उल्लेखनीय है कि निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र है। यहाँ कई देशों के लोग आते रहते हैं। मरकज से कुछ ही दूर सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह है। तबलीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस से निजामुद्दीन मरकज के मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है।