नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के 149 नए मामले सामने आने के बाद कुल कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 918 हो गई हैं और दो मरीजों की मौत होने की बाद मृतकों का आंकड़ा 19 हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शनिवार (28 मार्च) को नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जिन दो मरीजों की मौत हुई है उनकी उम्र ज्यादा थी और उनका कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज से संपर्क भी हुआ था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां इस बीमारी के अत्यधिक मामले सामने आए हैं। साथ ही राज्यों के साथ, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्कों का पता लगाने, सामुदायिक निगरानी और इस बीमारी की रोकथाम की रणनीति के कड़ाई से कार्यान्वयन के लिए काम किया जा रहा है।
Number of COVID-19 cases rises to 918; active cases stand at 819: Health Ministry
उन्होंने कहा कि हर राज्य में कोविड-19 के लिए अस्पतालों की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि देश भर में डॉक्टरों को कोविड-19 रोगियों की देखभाल के बारे में दिल्ली स्थित एम्स की मदद से प्रशिक्षित किया जा रहा है। संयुक्त सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 मामलों की बेहतर देखरेख के लिए एम्स में चौबीसों घंटे चालू रहने वाली राष्ट्रीय टेली-मेडिसीन सुविधा शुरू की।
आईसीएमआर में महामारी एवं संचारी रोग विभाग (एपीडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीजेज डिपार्टमेंट) के प्रमुख रमण आर अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के जिन मरीजों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा दी गई, उनमें कोरोना वायरस संक्रमण में कमी देखी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए कोशिशें तेज कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आपसी मेलजोल से दूर रहना और लॉकडाउन की अहम भूमिका हो सकती है।
आईसीएमआर के महामारी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में कोरोना वायरस को लेकर अभी रैंडम सैंपलिंग की जरूरत नहीं है और यह बीमारी समुदाय संक्रमण के स्तर पर नहीं पहुंची है। उन्होंने बताया की इस समय देश में 111 सरकारी लैब में कोरोना वायरस की जांच की सुविधा है और इनकी प्रतिदिन क्षमता 12 हजार नमूनों की है तथा अभी तक 70 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल नहीं हुआ है। निजी क्षेत्रों की 44 लैब को भी कोरोना जाँच की अनुमति दी गई है, कोरोना वायरस जांच के लिए अमेरिका से पांच लाख प्रोब्स आ चुके हैं और देश में लैब में जांच में काम आने वाले एक लाख रीजेन्ट्स हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक कोरोना की जो भी वैक्सीन बनीं हैं, उनका परीक्षण जानवरों पर किया जा रहा हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया की हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन दवा मलेरिया में दी जाती है, लेकिन यह भी पाया गया है कि यह दवा कोरोना वायरस के लोड को काफी कम कर देती हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर सिर्फ कोरोना वायरस मरीजों को यह दवा निगरानी में दी जाती हैं, इसके अलावा मरीजों के संपर्क में लोगों और चिकित्सकों को एहतियात के तौर पर भी दी जाती हैं, अन्य स्वस्थ लोगों को इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स भी हैं।
तेलंगाना और केरल में कोरोना से पहली मौत
तेलंगाना में शनिवार को कोरोना वायरस से पहली मौत हुई है। वहीं, तेलंगाना में महज एक दिन के अंदर कोविड-19 के 14 नए मामले आने के बाद यहां राज्य सरकार ने शनिवार को कोरोना वायरस की रोकथाम के उपायों को तेज कर दिया है। राज्य सरकार ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के कई क्षेत्रों को ‘रेड जोन’ घोषित किया है। ‘रेड जोन’ में सभी लोगों को 14 दिनों तक घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है।
केरल में खतरनाक कोरोना वायरस (कोविड 19) से संक्रमित 69 वर्षीय बुजुर्ग की शनिवार (28 मार्च) को कोच्चि में मौत हो गई। राज्य में कोरोना वायरस से मौत का यह पहला मामला है। कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि के बाद बुजुर्ग व्यक्ति को कोच्चि में कलमस्सेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आज उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी भी कोरोना से संक्रमित है।