नई दिल्ली। दिल्ली से हजारों लोगों के पलायन की तस्वीरें चिकित्सकों को विचलित कर रही हैं। उनका मानना है कि जिस उद्देश्य से लॉकडाउन किया गया, वह इससे पूरा नहीं हो पाएगा। यही गलती इटली ने भी की थी। वहां भी जब वायरस फैला तो लोग एक प्रांत से दूसरे प्रांत में आना-जाना कर रहे थे। इसकी वजह से आज पूरा इटली इसकी चपेट में आ गया और वहां कोरोना से विश्व में सबसे अधिक मौतें हो चुकी हैं।
वहीं दूसरी तरफ चीन का उदाहरण हमारे सामने है। वुहान में लोगों के घरों से निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। यहां तक कि दूसरे प्रांत से कोरोना संक्रमित लोगों को भी वुहान लाया गया था। परिणामस्वरूप आज चीन में कोरोना पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है।
ट्रेनें-बसें बंद तो पैदल निकले लोग
पलायन को रोकने के लिए ट्रेन और बस बंद की गई थीं, लेकिन लोग पैदल ही निकलने लगे। दिल्ली में काफी संख्या में स्कूल, धर्मशालाएं हैं। इनमें पलायन कर रहे लोगों को रखा जा सकता है। उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जा सकती है। हमने इस मुद्दे को सरकार के समक्ष भी उठाया है। उम्मीद है कि सरकार इस पर जल्द सक्रिय होगी।
वहीं दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमएसी) के सदस्य डॉ. अश्विनी गोयल का कहना है कि लॉकडाउन का आशय यही था कि लोग सड़कों पर न निकलें। जो जहां हैं वहीं रूक जाएं। लेकिन दिल्ली-एनसीआर से लोगों का पलायन काफी तेजी से हो रहा है। इनमें ज्यादातर निम्न तबके से जुड़े लोग हैं, जो यहां दिहाड़ी मजदूरी करते थे। ये सब जहां रह रहे थे, वहीं पर इनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए थी। पलायन से तो कोरोना वायरस की चेन टूटने की बजाय विस्तार होने की आशंका है।
इटली में जब संक्रमण फैला तो वहां तुरंत लॉकडाउन नहीं किया गया। नतीजा एक प्रांत से दूसरे प्रांत में लोग आते-जाते रहे। दूसरी तरफ चीन ने इस पर नियंत्रित वुहान को पूरी तरह से बंद कर के किया। नतीजा यह बीमारी दूसरे प्रांतों में नहीं फैल पाई। लेकिन आज इटली जैसी स्थिति यहां भी दिख रही है। लोग यहां से अपने घरों के लिए निकल रहे हैं। बसों में भीड़ है। अगर एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित हुआ तो वह कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसके बाद जब वह अपने गांव पहुंचेंगे तो वहां भी यह बीमारी फैल सकती है।
पलायन ठीक नहीं
डॉ. नरेंदर सैनी वरिष्ठ माइक्रोबायलॉजिस्ट डॉ. नरेंदर सैनी का कहना है कि जो इटली और अमेरिका में हुआ, वैसी स्थिति भारत में हो गई तो नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से लोग दिल्ली से बाहर जा रहे हैं वह ठीक नहीं है। यह समझना पड़ेगा कि ये बीमारी मनुष्य से मनुष्य में फैलने वाली है। एक भी संक्रमित व्यक्ति अगर इस तरह से घूमेगा तो विस्तार होना लाजिमी है।