ये आज की सबसे बड़ी विडंबना है। दोगली पत्रकारिता तो मैं बहुत पहले से कर रहा हूँ, लेकिन क्या कारण है कि मोदी के शासन में ही पकड़ा जा रहा हूँ?
क्या ऐसी दोगली पत्रकारिता के दिन लद गए हैं जिसमें मोहम्मद शाहरुख को अनुराग मिश्रा साबित कर हम जैसे लोग अपना एजेंडा चला सकें? डर का माहौल है।
नई दिल्ली। दिल्ली में हुई हिंदू विरोधी हिंसा के दौरान भीड़ के बीच से निकलकर दिल्ली पुलिस के एक सिपाही पर बंदूक तानने वाला मोहम्मद शाहरूख खान आज यूपी के शामली से गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तरी के साथ ही सोशल मीडिया पर दो हैशटैग ट्रेंड करने लगे। एक- शाहरुख और दूसरा अनुराग मिश्रा। शाहरुख के हैशटैग पर उसकी गिरफ्तारी की खबरें आई। लेकिन अनुराग मिश्रा पर क्लिक करते ही सामने आया NDTV का नाम और रवीश कुमार का चेहरा। अब जिन्हें कुछ दिन पुराना किस्सा याद नहीं, उन्हें लगेगा शाहरूख की गिरफ्तारी और अनुराग मिश्रा के नाम पर रवीश का चेहरा दिखाने का क्या मतलब? तो आइए समझाएँ इस सबके पीछे क्या संबंध है…
सोशल मीडिया पर जिस समय शाहरूख द्वारा दिल्ली पुलिस के सिपाही पर गोली तानने की वीडियो वायरल हुई। उस समय खुद वामपंथी मीडिया पोर्टल ने सबसे पहले उसके नाम की पुष्टि की थी। जिसके बाद तरह-तरह के कयास लगाए गए, लेकिन सच वही था, जिसे वामपंथी मीडिया ने अपने रिपोर्ट में छापा। यानी गोली चलाने वाले का नाम शाहरूख ही था।
मगर, एनडीटीवी की हद पत्रकारिता देखिए… घटना के कुछ दिन बाद यानी 26 फरवरी को अपने प्राइम टाइम में रवीश कुमार ने अपने दर्शकों को बरगलाने के लिए अपनी लच्छेदार बातों से उनके मन में सवाल छोड़ा कि जिसने दिल्ली हिंसा में गोली चलाई वो शाहरूख है तो फिर सोशल मीडिया पर उसे अनुराग मिश्रा क्यों कहा जा रहा है? इस सवालिया निशान के साथ रवीश ने अपने दर्शकों के मन में हिंदू नाम के पीछे जो संदेह जताया, उससे साफ हो गया कि वो शाहरूख के अपराधों को दुनिया के सामने तभी लाना चाहते हैं, अगर वो ‘अनुराग मिश्रा’ साबित हो जाए। रवीश ने अपने इस प्राइम टाइम में दिल्ली पुलिस से भी कहा कि उन्हें इस नाम पर दोबारा बोलना चाहिए।
हालाँकि, रवीश कुमार और उनकी टीम ने जिस अनुराग मिश्रा की प्रोफाइल को लेकर ये प्रोपेगेंडा तैयार किया, उसने खुद वीडियो के जरिए ऐसा करने वालों के झूठ का पर्दाफाश किया। साथ ही कहा कि वह उस हर शख्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेंगे जिन्होंने उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया।
अब, आज जब उसी शाहरूख की गिरफ्तारी हुई और मालूम हुआ कि शाहरुख के पिता साबिर का भी क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है और ड्रग माफियाओं से संबंध के चलते वह एक बार जेल भी जा चुका है। तो शायद रवीश कुमार के पास जस्टिफाई करने को कुछ नही बचा। लेकिन उनकी करतूतों और अजेंडे से वाकिफ यूजर्स ने फिर भी उन्हें बता दिया कि अब उनके झूठ से दर्शक अपना मत तैयार नहीं करते।
शाहरुख की गिरफ्तारी की तस्वीर आते ही सोशल मीडिया पर लोग रवीश कुमार को, उनकी टीम को, उनके गिरोह को याद दिलाने लगे कि ये जो आज जिसकी आज गिरफ्तारी हुई है, वो अनुराग मिश्रा नहीं बल्कि मोहम्मद शाहरूख है और इस बात को वो अपने जहन में डाल लें।
गौरतलब है कि इस हैशटेग को ट्रेंड कराकर इस समय आम आदमी पार्टी को घेरा जा रहा है। वामपंथी मीडिया को निशाना बनाया जा रहा है। अनुराग मिश्रा की असली वीडियो को शेयर किया जा रहा है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि रवीश कुमार को तो अब अपना मुँह काला करवा लेना चाहिए। क्योंकि शाहरुख ने अपने शाहरुख होने के कागज भी पेश कर दिए हैं।
दिल्ली हिंसा में फायरिंग करने वाला शाहरुख की उत्तर प्रदेश के शामली से हुई गिरफ्तारी
अब NDTV पर मातम छा जाएगा क्योंकि @ravishndtv @sardesairajdeep@BDUTT ओवैसी, अभिसार व टुकड़े टुकड़े गैंग जैसे लोगो ने इसे हिन्दू आतंकवादी अनुराग मिश्रा बताने में कोई कमी नही छोड़ी थी
दिल्ली हिंसा में फायरिंग करने वाला शाहरुख गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के शामली से हुई गिरफ्तारी अब NDTV पर मातम छा जाएगा क्योंकि रविशवा ने बड़ी मेहनत की थी उसको अनुराग मिश्रा बताने में सम्भव है स्क्रीन काली कर दे तो कोई बड़ी बात नही ..!!
ये आज की सबसे बड़ी विडंबना है। दोगली पत्रकारिता तो मैं बहुत पहले से कर रहा हूँ, लेकिन क्या कारण है कि मोदी के शासन में ही पकड़ा जा रहा हूँ?
क्या ऐसी दोगली पत्रकारिता के दिन लद गए हैं जिसमें मोहम्मद शाहरुख को अनुराग मिश्रा साबित कर हम जैसे लोग अपना एजेंडा चला सकें? डर का माहौल है।