नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी में कुछ छात्र जबरन कक्षाओं को बंद करा कर पठन-पाठन का कार्य बाधित करने में लगे हुए हैं। एमए अंग्रेजी विभाग में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, ताकि छात्रों को क्लास से दूर रखा जाए। इस विभाग के छात्रों के व्हाट्सप्प ग्रुप का डिस्प्ले पिक्चर भी बदल कर ‘बायकाट क्लासेज’ रख दिया गया है। ग्रुप में कक्षाओं का बहिष्कार करने की अपील की जा रही है। ग्रुप में कुछ बाहरी तत्वों को भी जोड़ा गया है, जो बाकी छात्रों को क्लास जाने के ख़िलाफ़ भड़काने में लगे हुए हैं। उन्हें दबाव बनाने के लिए लाया गया है। यहाँ तक कि परीक्षाओं को भी बाधित करने का कुचक्र रचा जा रहा है।
साथ ही धरना-प्रदर्शनों की साजिश भी रची जा रही है। ग्रुप में दावे किए जा रहे हैं कि दिल्ली जल रही है और मुस्लिमों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। छात्र कह रहे हैं कि उन्हें इसके लिए कुछ करना चाहिए। जो चुप हैं, उन पर आरोप लगाया जा रहा है कि वो डर रहे हैं और उन्हें सरकार के ख़िलाफ़ बोलने को कहा जा रहा है। तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि फलाँ नगर में फायरिंग हुई है, चिलाँ क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। जब क्लास अटेंड करने की बात आई तो एक लड़की ने कहा कि क्लासेज की बात ही क्यों की जा रही है, क्लास से अनुपस्थित रहो।
एक मुस्लिम छात्रा ने अपने सहपाठियों को डाँटते हुए ग्रुप में लिखा कि जो लोग क्लास अटेंड करना चाहते हैं, वो असंवेदनशील हैं। उसने यह भी दावा किया कि वो एक मुस्लिम होकर यात्रा करने या बाहर निकलने में सुरक्षित महसूस नहीं करती है। साथ ही उसने बाकि छात्रों को हड़काते हुए लिखा कि जिस दिन ये सब उनके साथ होगा, उस दिन पता चलेगा। क्लास का बहिष्कार करने के लिए पोस्टर तक तैयार किया गया और राजनीति से दूर रह कर पढ़ाई करने वाले छात्रों से कहा गया कि वो भी उनका साथ दें। इस ग्रुप के कई स्क्रीनशॉट्स हमारे पास आए हैं, जिनसे पता चलता है कि पढ़ाई की जगह ग्रुप में कुछ और ही हो रहा है।
एक मुस्लिम छात्रा ने तो यहाँ तक लिखा कि ऐसे समय में क्लास और परीक्षाओं की बातें करना हैरानी भरा है और इससे उसे व्यथा हो रही है। उसने दावा किया कि उसके कई सम्बन्धी मुश्किल परिस्थितियों में फँसे हुए हैं और इस स्थिति में पढ़ाई की बातें नहीं होनी चाहिए। साथ ही ये भी दावा किया गया कि एक शिक्षक ने कहा है कि सिलेबस समय पर पूरी न की जाए तब कोई कोई दिक्कत वाली बात नहीं है। पढ़ाई-लिखाई के बदले छात्रों से आह्वान किया गया कि वो विभाग के दफ्तर के सामने धरना दें।
मुस्लिम छात्रों ने दावा किया कि दिल्ली में केंद्र सरकार मुस्लिमों पर हमले करवा रही है। क्लासेज को बायकाट करने के पीछे तरह-तरह के अजीबोगरीब तर्क दिए गए। एक छात्र ने पूछा जब दिल्ली की सड़कों पर लोग मारे जा रहे हैं, ऐसे में सामान्य दिनों की तरह क्लास करना कैसे संभव हो पाएगा? नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हमले की अफवाह फैलाई गई थी, जिसका डीसीपी ने खंडन किया। इस ग्रुप के वामपंथी छात्रों ने डीसीपी के बयान को ही ग़लत ठहरा दिया।