नई दिल्ली। नृशंस हत्या की परिभाषा हर अंकित शर्मा जैसे हिन्दुओं की लाश की पोस्टमॉर्टम के रिपोर्ट के आने के बाद एक अलग क्रूरता के साथ बदल जाती है। पोस्टमॉर्टम के मुताबिक उनके शरीर का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं था जिसमें चाकू के गहरे घाव न हों। डॉक्टर ने लिखा है कि 400 से ज़्यादा बार उन्हें चाकुओं से गोदा गया। इस क्रूर अमानुषिक हत्याकांड और यातना को अंजाम देने में कम से कम 6 लोगों के शामिल होने की बात डॉक्टर बताते हैं। उन्होंने कहा है कि अंकित शर्मा को 6 लोगों ने लगातार 2 से 4 घंटे तक 400 बार चाकुओं से गोदा होगा। साथ ही, उनकी आँत को शरीर से बाहर निकाल दिया था। फोरेंसिक डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह से यातना का शिकार और क्षत-विक्षत बॉडी उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा।
इससे पहले, अंकित शर्मा को AAP के पार्षद ताहिर हुसैन के गुंडे घसीट कर ले गए और मार डाला। उनके पिता रवींद्र शर्मा ने बेटे की मौत के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार बताया है। अंकित आईबी में कार्यरत थे। उनके पिता भी आईबी में ही बतौर हेड कॉन्स्टेबल कार्यरत हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के निगम पार्षद ताहिर हुसैन के घर से लगातार बमबारी और पत्थरबाजी होती रही।
ताहिर हुसैन के घर के बाहर भी पत्थरों का जमावड़ा लगा हुआ है। हुसैन के घर के बाहर कई बोतलें और पेट्रोल बम पड़े हुए हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी इमारत की छतों पर भी पत्थर और बम देखे गए हैं। विदेशी मीडिया पोर्टल ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ)’ ने अपने लेख में लिखा है कि अंकित के भाई अंकुर ने बताया कि ‘जय श्री राम’ बोलते हुए आई मुस्लिम भीड़ ने अंकित की हत्या कर दी। अंकुर ने प्रोपेगेंडा पोर्टल की इस ख़बर को नकार दिया है। अंकुर ने ऑपइंडिया से बात करते हुए स्पष्ट कहा कि डब्ल्यूएसजे में उनके हवाले से जो बातें लिखी है वह उन्होंने कही ही नहीं है।
अंकुर ने बताया कि गुरुवार (फरवरी 25, 2020) को उनके भाई अंकित ड्यूटी से लौट कर बाइक पार्क करने के बाद मोहल्ले के लोगों से बातचीत करने निकल गए। उन्होंने कहा था कि वे इलाक़े के लोगों को जानते हैं और दंगा रोकने में कामयाब होंगे। परिवार के लाख मना करने के बावजूद अंकित हिन्दुओं और मुस्लिमों- दोनों से ही बातचीत करने और उन्हें समझाने निकल गए। हालाँकि, हिन्दुओं ने तो अंकित की बात मान ली लेकिन मुस्लिम समुदाय शांति के लिए राजी नहीं हुआ। तभी ताहिर हुसैन के इमारत से पत्थरबाजी शुरू हो गई और मुस्लिम भीड़ ने अंकित को पकड़ कर घसीटना शुरू कर दिया। वे उन्हें पकड़ कर हुसैन की इमारत में ले गए।
अंकुर ने रतन लाल और अपने भाई की हत्या के बारे में बात करते हुए बताया कि अब ‘वो लोग’ पुलिस वालों को चुन-चुन कर मार रहे हैं। अंकित को भी इसीलिए मारा क्योंकि उन्होंने बताया कि वे एक आईबी ऑफिसर हैं। अंकित मोहल्ले में सबके पसंददीदा व्यक्ति थे और वो सभी से घुलमिल कर रहते थे। उनका शव नाले में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था। अंकुर ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंकुर ने कहा:
“मेरे भाई अंकित शर्मा को ताहिर हुसैन ने मारा है। वो यहाँ दंगाइयों का सबसे बड़ा सरगना है। वही दंगे करवा रहा है। जब मेरे भाई को मुसलमान घसीटते हुए ले जा रहे थे, तब वही उन्हें निर्देश दे रहा था कि क्या और कैसे करना है। अरविंद केजरीवाल मेरे भाई को दंगाई साबित कर देंगे। मेरा भाई दंगाई नहीं था। वो एक सरकारी अधिकारी था, जो लोगों को समझा रहा था कि झगड़ा मत करो। वो दोनों तरफ के लोगों को जानता था, इसलिए उन्हें समझाने गया था।”
अंकुर की माँग है कि उनके मृत भाई अंकित शर्मा को ‘शहीद’ का दर्जा मिले। अंकित के गर्दन और अन्य हिस्सों में कई जगह धारदार हथियार के वार से कटे हुए निशान मिले थे। अंकुर ने बताया कि मारने से पहले उन्हें काफ़ी टॉर्चर किया गया।