नई दिल्ली। मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात हुई है. ट्रंप ने आगे कहा कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें बताया कि वे भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर ‘कड़ी मेहनत’ कर रहे हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “हमने धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बात की है. मैं कहना चाहूंगा कि पीएम मोदी अविश्वसनीय हैं. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि भारत में लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता का अनुभव हो.”
दिल्ली हिंसा में अब तक गई 10 लोगों की जान
धार्मिक स्वतंत्रता पर राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान उस वक्त आया है जब उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई हिस्से हिंसा की त्रासदी झेल रहे हैं और सीएए को लेकर कई इलाकों में आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई हैं. सोमवार को जबसे हिंसा भड़की थी, अब तक दिल्ली में 13 लोगों की जानें जा चुकी हैं. मारे गए लोगों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं.
ट्रंप से दिल्ली हिंसा पर भी पूछा गया सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप से दिल्ली हिंसा पर भी एक सवाल पूछा गया. ट्रंप से पूछा गया कि आपकी यात्रा के दौरान दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में भड़की हिंसा में अब तक कई मौतें हुई हैं. नागरिकता संशोधन कानून के बारे में पीएम मोदी ने आपसे क्या कहा और आप इस तरह की धार्मिक हिंसा से कितने चिंतित हैं?
इस पर उन्होंने जवाब दिया, “हमने धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात की थी और मैं कहूंगा कि पीएम मोदी अविश्वसनीय हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि लोगों को भारत में धार्मिक स्वतंत्रता मिले… और बहुत दृढ़ता से. उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है. जब आप पीछे देखते हैं तो दिखता है कि अपेक्षाकृत उन्होंने (भारत) धार्मिक स्वतंत्रता पर वास्तव में काम किया है.”
ट्रंप ने बताया, दिल्ली हिंसा पर नहीं हुई बात
राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने बहुत लोगों के सामने पीएम मोदी से यह सवाल पूछा था. दिल्ली में हुई हिंसा के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा “जहां तक व्यक्तिगत हमले (दिल्ली में) की बात है, मैंने इसके बारे में सुना था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस बारे में बात नहीं की.” उन्होंने कहा कि इसे संभालना भारत का काम है.