नई दिल्ली। दिल्ली बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है. नागरिकता कानून(सीएए) पर भड़की हिंसा की वजह से अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है. कई इलाकों में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़की, जहां हालात बेकाबू हो गए. जब कुछ जगहों पर हिंसा भड़क रही थी, वहीं एक जगह सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल देखने को मिली. भारतीय जनता पार्टी के पार्षद ने एक मुस्लिम परिवार को हिंसक भीड़ का शिकार होने से बचा लिया.
मुस्लिम परिवार के घर को भीड़ आग के हवाले करने जा रही थी, तभी पार्षद ने आगे आकर बचा लिया. यमुना विहार का एक स्थानीय पार्षद मुस्लिम परिवार की मदद को आगे आया और उनका घर जलने से बचा लिया. 150 लोगों की हिंसक भीड़ उस घर को जलाने जा रही थी. इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए उस परिवार के एक सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर सोमवार रात 11 बजकर 30 मिनट की घटना बताई.
उन्होंने कहा, ‘भीड़ उनके पड़ोस में बढ़ने लगी. भीड़ नारेबाजी कर रही थी. भीड़ एक ऐसी सड़क से दाखिल हो रही थी, जहां पुलिस ने बैरीकेडिंग नहीं की थी. यह इलाका मुस्लिम बाहुल है. यहां पुलिस प्रदर्शनकारियों को दाखिल होने से रोक रही थी. भीड़ ने गैरेज से हमारी कार को बाहर निकाल लिया और बाइक भी बाहर निकाल ली.’
बुटीक को भीड़ ने जलाया, 20 लाख का नुकसान
पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि भीड़ ने एक बुटीक को उसके घर के सामने आग के हवाले कर दिया. यह बुटीक किराएदार की थी. भीड़ मेरी कार और बाइक जलाने वाली थी. मेरे किराएदार की दुकान में उन्होंने तोड़फोड़ की. उसे करीब 20 लाख का नुकसान पहुंचा. भीड़ ने परिवार को उत्पीड़ित भी किया.
बीजेपी पार्षद के पीड़ित मुस्लिम परिवार से काफी अच्छी ताल्लुक हैं. जैसे ही हंगामा बढ़ते उन्होंने देखा, वे भीड़ से होकर परिवार के पास पहुंचे और भीड़ को और ज्यादा नुकसान पहुंचाने से रोका. इस परिवार में एक 2 महीने का बच्चा भी है. बच्चे को भीड़ के हमले से बाहर निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
बीजेपी पार्षद ने घर जलने से बचाया
पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के साथ जैसे ही तनाव बढ़ा भाग गया. वह बीजेपी पार्षद ही था जिसने मेरा घर जलने से बचाया.’ यह खबर तब सामने आई है, जब दिल्ली हिंसा की आग में जल रही है. सीएए के समर्थक और सीएए के विरोधी दोनों के बीच हुई यह झड़प तब हुई जब दिल्ली में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत में मौजूद हैं. पुलिस दावा कर रही है कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इन झड़पों में कम से कम 150 लोग घायल हैं, वहीं 13 लोगों की मौत हो चुकी है.
( मामले की गंभीरता देखते हुए हम पीड़ित परिवार और बीजेपी के स्थानीय पार्षद के नाम जिक्र नहीं कर रहे हैं.)