नई दिल्ली। दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हालिया हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) और भीम आर्मी का हाथ होने का संदेह है। पिछले दो दिनों से दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हो रही आगजनी और फायरिंग की घटनाओं के साथ-साथ अलीगढ़ में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लिंक भी मिला है। कुछ प्रमुख मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) के आधार पर उत्तर प्रदेश इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर हुए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अलीगढ़ के आंबेडकर पार्क में विरोध प्रदर्शन करने वाले भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने के बाद पीएफआइ के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रों के एक समूह ने भी भीम आर्मी और पीएफआइ के नेताओं से मुलाकात की थी। तत्पश्चात भीम आर्मी के नेतृत्व में एक बड़ा समूह शहर के प्रमुख स्थान पर स्थित धार्मिक स्थल पर पहुंचा और पोस्टर हटाने के साथ-साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। अलीगढ़ पुलिस के एक सर्किल ऑफीसर (सीओ) ने फोन पर बताया, ‘अलग-अलग स्थानों पर एक साथ हिंसक घटनाओं की श्रृंखला शुरू हो गई। ऐसा लगता है कि यह (पथराव) पूर्व नियोजित है और इसका दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हुई हिंसा से लिंक है। हम कुछ अहम फोन कॉल डाटा का सत्यापन कर रहे हैं।’
पीएफआइ के खाते से प्रदर्शकारियों के खातों में ट्रांसफर हुई धनराशि
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि पीएफआइ ने अपने खाते से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कई लोगों के खातों में धनराशि ट्रांसफर की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसे कुल 73 खातों की पहचान की गई है।
ईडी रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े लेन-देन पीएफआइ के दिल्ली स्थित मुख्य खाते से किए गए हैं। पीएफआइ का राष्ट्रीय मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में स्थित है। ईडी ने पीएफआइ के नेताओं और भीम आर्मी पदाधिकारियों के बीच लिंक का भी पता लगाया है। पीएफआइ दिल्ली का अध्यक्ष मुहम्मद परवेज अहमद शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शनों में प्रमुख रूप से सक्रिय है। वह भीम आर्मी के कई वाट्सएप ग्रुपों से भी जुड़ा हुआ है।