नई दिल्ली। शाहीन बाग में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन वार्ताकार पहुंचे लेकिन नतीजा सिफर रहा. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी जिद छोड़ने को तैयार नहीं है. शाहीन बाग से बड़ी खबर ये भी है कि बातचीत करने या करने को लेकर शाहीन बांग में ‘बंटवारा’ हो गया है. यानी प्रदर्शनकारियों में बातचीत को लेकर मतभेद हैं. कुछ प्रदर्शनकारी वार्ताकारों से अलग बात करने के पक्ष में हैं तो कुछ वार्ताकारों से सबके सामने बातचीत करने पर अड़े हैं. शाहीन बाग में आज फरीदाबाद और जैतपुर जाने वाला रास्ता खोला गया. कालिंदी कुंज से थोड़ी देर के लिए रास्ता खोला गया लेकिन फिर रास्ते को थोड़ी देर बाद बंद कर दिया गया.
लगातार तीसरे दिन संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे और शहीन बाग में प्रदर्शनकारी महिलाओं से बात की. वार्ताकारों ने अपनी बात बताई और प्रदर्शनकारियों की भी बात सुनी. प्रदर्शनाकरियो ने कहा, “अगर हम दूसरा रास्ता खोल देंगे और कल के लिए प्रदर्शन में कुछ हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा.” प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दूसरा रास्ता पुलिस ने बंद किया है.
वार्ताकारों ने पुलिस को भी बुलाया. वार्ताकारों ने फिर दोहराया कि हम अपने हक के लिए, दूसरे के हक का अतिक्रमण नहीं कर सकते. वार्ताकारों ने पुलिस से पूछा कि क्या आप दूसरा रस्ता खुलवा सकते हैं और सुरक्षा दे सकते हैं? पुलिस ने जवाब में कहा कि दूसरी तरफ का रोड खोलने पर पूरी सुरक्षा देने के लिए तैयार हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर पुलिस की सुरक्षा पर कैसे भरोसा करें क्योंकि पुलिस की सुरक्षा के बावजूद बेरिगेट्स फांदकर यहां गोली चलाई गई है.