वाराणसी। पर्वतारोही मनोज यादव हाल ही में उस वक्त चर्चा में आए जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए वाराणसी में बीएचयू हैलीपैड पर पहुंचे थे. पीएम मोदी 16 फरवरी को वाराणसी दौरे पर थे, तब मनोज से मिलते हुए उन्होंने उनके बारे में पूछा, साथ ही यह भी पूछा कि उन्हें क्या दिक्कतें हैं तब मनोज ने आर्थिक तंगी का जिक्र करते हुए बताया कि माउंट एवरेस्ट फतह न कर पाने में यह सबसे बड़ी बाधा है. इस पर प्रधानमंत्री ने पीएमओ को पत्र भेजने को कहा था. मनोज ने बताया कि बातचीत खत्म होने पर जब, वह प्रधानमंत्री का पैर छूने के लिए झुके तो उन्होंने कहा कि ‘खिलाड़ी कभी झुकता नहीं है, और आप विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करो यह मेरा आशीर्वाद है’.
पहले भी चर्चा में रहे हैं मनोज
पर्वतारोही मनोज यादव ने इससे पहले 28 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इसके लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी. सर्किट हाउस में मुलाकात के दौरान मनोज ने योगी को मांग पत्र देने के साथ ही जुलाई में स्टोक कांगरी फतह के बारे में भी बताया, उधर सीएम ने माउंट एवरेस्ट फतह के लिए मनोज को सरकार की ओर से हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन भी दिया था.
मनोज यादव के पास है क्षमता
मनोज यादव माउंट ऐवरेस्ट फतह करना चाहते हैं, इससे पहले लेह-लद्दाख की दुर्गम पहाड़ी स्टाक कांगड़ी ट्रैक (himalayan trek) की 20,800 फीट की ऊंचाई को फतह करने वाले काशी के लाल मनोज यादव अब माउंट एवरेस्ट फतह करना चाहते हैं. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मनोज ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की मदद से अपने इस सपने को साकार करेंगे. वाराणसी के चांदपुर निवासी अखिलेश यादव और कौशल्या देवी का पुत्र इस समय महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एमए प्रथम वर्ष का छात्र है। पढ़ाई के साथ-साथ मनोज पर्वतारोही बनने के सपने को साकार करने के लिए एक-एक कदम आगे बढ़ाता जा रहा है. पिछले साल 22 जुलाई से 10 अगस्त तक की साहसिक यात्रा के दौरान लेह लद्दाख और बीस हजार फीट की ऊंची पहाड़ी माउंट स्टोक कांगड़ी पर तिरंगा फहराकर देश का मान बढ़ाया था.