सुप्रीम कोर्ट की फटकार एयरटेल (Airtel) के उपर दबाव बनाने में कामयाब हो गया है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये का बाद एयरटेल ने सोमवार को अडजेस्टड ग्रोस रेवेन्यू (AGR) वैधानिक बकाये में से 10,000 करोड़ का भुगतान कर दिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह बाकी की राशि का भुगतान भी सेल्फ इवैलुएशन के बाद कर देगी. एयरटेल की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारती एयरटेल, भारती हेक्साकॉम और टेलीनॉर की तरफ से कुल 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
जानकारों का कहना है कि सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए कहा था कि टेलीकॉम विभाग, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) के ‘तत्काल’ स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क व लाइसेंस शुल्क के भुगतान में विफल रहने पर उनके बैंक गारंटी को भुनाने की कार्रवाई कर सकती है. सरकार ने कहा था कि यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते साल 24 अक्टूबर को स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क व लाइसेंस शुल्क को लेकर दिए गए आदेश के अनुपालन के मद्देनजर उठा सकती है.
इससे पहले बीते शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट ने डीओटी को जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा 24 अक्टूबर को दिए गए आदेश के बावजूद डीओटी के एवरेज ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) बकाए को टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से वसूलने में नाकाम रहने पर किया. इसके बाद डीओटी ने बकाया वसूलने के लिए कार्रवाई की. एयरटेल पर 35,500 करोड़ रुपये का ऋण है. एयरटेल ने कहा पिछले हफ्ते ही कहा था कि वह 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी और बाकी का 17 मार्च को अगली सुनवाई से पहले पहले भुगतान करेगी.