सिंधिया ने कहा- वादा पूरा नहीं हुआ तो सड़क पर उतरेंगे, जवाब में कमलनाथ बोले – उतर जाएँ

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार घोषणा पत्र को पूरी तरह लागू नहीं करती है तो वह सड़क पर उतरेंगे। एक सभा के दौरान उन्होंने कहा, “घोषणा पत्र का एक-एक अंश पूरा होगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सड़क पर उतरेगा।”

इसको लेकर जब पत्रकारों ने कमलनाथ से पूछा गया कि सिंधिया कह रहे हैं कि अगर किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं होगा तो वो सड़क पर उतरेंगे, तो इसका जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा, “तो उतर जाएँ।”

बता दें कि मध्य प्रदेश में किसानों से कर्जमाफी का वादा करके ही सत्ता में आई कॉन्ग्रेस की कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने सार्वजनिक तौर पर कहना शुरू कर दिया है कि पार्टी तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के वादे को पूरा कर पाने में नाकाम रही है। चार महीने में दूसरी बार, मध्य प्रदेश में कृषि ऋण माफ करने में देरी के लिए राज्य के मंत्री ने किसानों से माफी माँगी है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कमलनाथ पर कर्जमाफी का वादा पूरा न करने का आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने इसको लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, “किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया गया है। केवल 50 हजार रुपए का कर्ज माफ किया गया है, जबकि हमने कहा था कि 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए।” सिंधिया ने कहा था कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वो अन्नदाताओं के साथ कंधा मिलाकर खड़ी रहे। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को प्रति बीघे के हिसाब से 8-30 हजार रुपए तक का मुआवजा मिलना चाहिए।

गौरतलब है कि 2018 में हुए मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान तब के कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ़ करने का वादा किया था। उन्होंने तब यह भी कहा था कि ऐसा न कर पाने की स्थिति में वो अपने मुख्यमंत्री को बदल देंगे।

अभी हाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों को निराशाजनक करार देते हुए कहा था कि पार्टी को नई विचारधारा, नई सोच और कामकाज के नए तरीकों से खुद को मजबूत करने की जरूरत है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था, “दिल्ली के परिणाम पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक हैं और नई सोच, नई विचारधारा व कामकाज के नए तरीकों की आवश्यकता है।”

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