नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना के रूझानों से साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी यानी आप (Aam Aadmi Party, AAP) दोबारा सत्ता पर काबिज होने जा रही है। वहीं भाजपा को दूसरा स्थान मिलता नजर आ रहा है। रुझान संकेत दे रहे हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव द्विदलीय हुए हैं और कांग्रेस कहीं दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है। यदि लोकसभा सीटों के लिहाज से प्रदर्शन की बात करें तो आम आदमी पार्टी सभी सातों सीटों पर अपना दबदबा बनाने में कामयाब रही है।
हालांकि, सभी सातों लोकसभा सीटों के तहत आने वाली विधानसभाओं में आम आदमी पार्टी को भाजपा ने कड़ी चुनौती दी है। रूझानों पर गौर करें तो चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र (Chandani Chowk Lok Sabha area) के तहत आने वाली विधानसभाओं में आम आदमी पार्टी आठ पर आगे है। पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट (East Delhi Lok Sabha seat) के तहत आने वाली विधानसभाओं पर आप का परचम बुलंद रहा। वह इस लोकसभा क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों पर आप आगे चल रही है जबकि भाजपा तीन सीटों पर आगे है।
इसी तरह नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र (New Delhi Lok Sabha seat) के तहत आने वाली विधानसभाओं में से सात सीटों पर आम आदमी पार्टी आगे है जबकि भाजपा तीन पर बढ़त बनाए हुए है। दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली सभी सीटों पर आप आगे चल रही है। पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में भाजपा तीन विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है जबकि आप ने छह सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
उत्तर पूर्वी और पूर्वी संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की कुल 16 सीटें हैं। इनमें छह सीटें भाजपा के खाते में आती दिख रही हैं। इनमें सांसद गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र की तीन सीटें लक्ष्मीनगर, गांधीनगर और विश्वास नगर शामिल हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के संसदीय क्षेत्र की भी तीन सीटें घोंडा, रोहतास नगर और करावल नगर शामिल हैं।
लक्ष्मीनगर से भाजपा के अभय वर्मा, गांधीनगर से अनिल वाजपेयी, विश्वास नगर से ओम प्रकाश शर्मा की जीत हुई है। विश्वास नगर में पिछली बार भी भाजपा जीती थी। वहीं रोहतास नगर से भाजपा के जीतेंद्र महाजन ने आप की विधायक सरिता सिंह को शिकस्त दी। घोंडा में भाजपा प्रत्याशी अजय महावर और करावल नगर से मोहन सिंह बिष्ट जीत के लगभग करीब हैं। अंतिम नतीजों का अभी इंतजार है।
उत्तर पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली विधानसभाओं पर भाजपा केवल एक सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। बता दें कि साल 2015 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी कोई चुनौती नहीं पेश कर सकी जबकि साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की सत्ता पर वह काबिज रही थी। ऐसा नहीं की कांग्रेस ने दिल्ली की चुनावी लड़ाई में पहली बार इतना खराब प्रदर्शन किया है। साल 2015 के विधानसभा चुनावों में भी उसका स्कोर जीरो था जबकि भाजपा तीन सीटें जीतने में कामयाब हुई थी।