लखनऊ। Defence Expo 2020: भारतीय वायुसेना का सबसे आधुनिक मल्टीपरपज हेलीकॉप्टर एमआइ-17 की जगह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. के मल्टी रोल हेलीकॉप्टर लेंगे। लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर बनाने के बाद एचएएल अब एमआइ-17 की तरह आधुनिक आइएमआरएच हेलीकॉप्टर बनाएगा। इन हेलीकॉप्टरों को वर्ष 2027 तक एमआइ-17 के सेवा से बाहर होने पर उनके बदले तैनात किया जाएगा। एचएएल सुखोई एसयू-30 को मिड लाइफ अपग्रेड करेगा। जिसके तहत सुखोई के सेंसर, रडार और इलेक्ट्रानिक उपकरण भी बदले जाएंगे। डिफेंस एक्सपो में एचएएल के सीएमडी आर माधवन ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की। उन्होंने भारत की रक्षा पंक्ति को और मजबूत करने के लिए अपने भविष्य के प्रोजेक्ट पर भी बात की।
सीएमडी आर माधवन ने कहा कि एचएएल भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना के लिए आधुनिक तकनीक वाले ड्रोन भी बनाएगा। एचएएल अपना 200 किलोग्राम भार ले जाने वाला ड्रोन भी बना रहा है। जिसका इस्तेमाल अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर जवानों को रसद पहुंचाने में किया जाएगा। वहीं इजरायल के साथ मिलकर मिसाइल हमले करने वाले ड्रोन पर भी काम किया जाएगा। डीआरडीओ जिस रुस्तम 2 ड्रोन प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। उसमें भी एचएएल शामिल है। इस समय एचएएल के पास बड़ा प्रोजेक्ट वायुसेना को 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की आपूर्ति करने का है। एचएएल बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट बनाने के साथ अब तेजस के अपग्रेड वर्जन को भी तैयार करेगा।
लखनऊ डिवीजन भी होगी उन्नत
स एमडी ने बताया कि जिस तरह देश में राफेल जैसे लड़ाकू विमान आ रहे हैं। एयरक्राफ्ट कैरियर पर अरेस्ट होने वाला तेजस स्वदेशी तकनीक से बन रहा है। हमला करने और सूचना जुटाने व रसद पहुंचाने वाले ड्रोन बनाने की तैयारी है। उसे देखते हुए उपकरणों की आपूर्ति करने वाले डिवीजन को भी आधुनिक किया जाएगा। सुखोई के नए कॉकपिट को लखनऊ जैसे एचएएल की डिवीजन की मदद से ही बनाया गया है। जो केवल पायलट की आवाज से ही विमान उड़ाने और बम बरसाने जैसी हर कार्रवाई को अंजाम दे सकता है।