नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या राष्ट्र को गुमराह करना और गलत जानकारी देना ठीक है? कई विपक्षी दलों द्वारा CAA पर लिया जा रहा पथ दुर्भाग्यपूर्ण है. CAA को लेकर जो कुछ भी कहा जा रहा है, उसको लेकर सभी साथियों को खुद से सवाल पूछना चाहिए. देश को भ्रम फैलाने और दुष्प्रचार करने की प्रवृत्ति को हमें रोकना चाहिए. देश की अपेक्षा है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर लोगों को डराने के बजाय सही जानकारी दी जाए. हैरानी की बात ये है कि विपक्ष के अनेक साथी इन दिनों बहुत उत्साहित हो गए हैं, जो कभी सायलेंट थे आज वायलेंट हो गए हैं. 2003 में लोक सभा में नागरिकता संशोधन बिल प्रस्तुत किया गया. संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने चर्चा की और फिर उसे आगे बढ़ाया. उस कमेटी के कांग्रेस के अनेक सदस्य आज भी यहां बैठे हैं.
इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के निर्णय पर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने कुछ ऐसी बातें कहीं जो बेमेल थीं. आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का फैसला बिना चर्चा के हुआ. जबकि ऐसा नहीं है. देश ने पूरी चर्चा को टीवी पर देखा. उसी के बाद सदन ने निर्णय किया. सदस्यों ने निर्णय लिया. आज़ाद जी आपकी याददाश्त को ताज़ा करना चाहता हूं. जब तेलंगाना बना तब सदन का हाल क्या था? टीवी बंद कर दिया था. चर्चा कोई थी नहीं, जिस हालत में उसको पारित किया गया था. उस समय मनमोहन सिंह ने कहा था भारत में लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा.
काका हाथरसी
पीएम मोदी ने काका हाथरसी के एक व्यंग्य काव्य का जिक्र किया-
प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो,
बदल रहे अणु, कण-कण देखो.
तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो,
भाग्य वाद पर अड़े हुए हो.
छोड़ो मित्र! पुरानी डफली,
जीवन में परिवर्तन लाओ.
परंपरा से ऊंचे उठ कर,
कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ
पीएम मोदी की अहम बातें…
कश्मीर में पहली बार
पीएम मोदी ने कहा कि जो भी फैसले लिए गए पूरी चर्चा के बाद किये गए. अब पहली बार वहां के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. कश्मीर में पहली बार महिलाओं को यह अधिकार मिलेगा कि अगर वो राज्य के बाहर विवाह करती हैं तो उनकी संपत्ति नहीं छिनेगी. रेरा कानून पहली बार आया है. पहली बार वहां एंटी करप्शन ब्यूरो की स्थापना हुई. पहली बार अलगाववादियों की फंडिंग पर नियंत्रण आया. अलगाववादियों की सत्कार परंपरा खत्म हुई. कश्मीर की पुलिस को उन भत्तों का लाभ हुआ जो दूसरे केंद्रीय कर्मचारियों को मिलता है. अब उन्हें भी एलटीसी मिल रहा है. गवर्नर रूल के बाद 18 महीनों में पंचायत के चुनाव हुए. 18 महीनों में 2.5 लाख शौचालय बने. इन महीनों में सरकार की पेंशन स्कीम से जोड़ा गया. आज़ाद साहब ने कहा कि विकास पहले भी होता था. हमने कभी मना नहीं किया. पीएम आवास योजना के तहत सिर्फ 3500 मकान बने थे. अब 24000 से ज़्यादा मकान बने. नार्थ-ईस्ट के हिंसक आंदोलन खत्म किए.
नॉर्थ-ईस्ट के हिंसक आंदोलन खत्म किए
– ब्रू जनजाति लोगों की समस्या लगभग 25-30 वर्षों से बनी हुई थी. लगभग 30,000 लोग असुरक्षा का जीवन जी रहे थे. 100 से अधिक लोग तीन दशकों से छोटे, अस्थायी झोपड़ियों में रहने को मजबूर थे.
– उनकी अपनी कोई वास्तविक गलती नहीं थी. यदि कांग्रेस, मिजोरम और अन्य राज्यों में अपने सरकार के साथ चाहती, तो आप इसे हल कर लेते. लेकिन आपने नहीं किया. आज, हम समस्या को स्थायी रूप से हल करने में कामयाब रहे हैं
– ब्रू लोगों का दर्द असीमित था, लेकिन उनके वोट सीमित थे और इस तरह, इसे सबसे लंबे समय तक नजरअंदाज कर दिया गया था. यह हमारा इतिहास है लेकिन हम अलग तरह से सोचते हैं.
– हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका साथ’ के मंत्र के साथ काम करते हैं और समस्याओं को हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
– छोटा सोचने का सवाल ही नहीं है. निराशावाद और निराशा हमारी मदद नहीं करते हैं.
5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
– हम पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात करते हैं. हां, उद्देश्य महत्वाकांक्षी है लेकिन हमें बड़ा सोचना होगा और आगे सोचना होगा. यहां अर्थव्यवस्था के विषय में चर्चा हुई. देश में निराश होने का कोई कारण नहीं है. अर्थव्यवस्था के जो बेसिक मानदंड हैं, उनमें आज भी देश की अर्थव्यवस्था सशक्त है, मजबूत है और आगे जाने की ताकत रखती है.
– निराशा देश का भला कभी नहीं करती, इसलिए 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की बात का सुखद परिणाम यह हुआ कि जो विरोध करते हैं, उन्हें भी 5 ट्रिलियन डॉलर की बात करनी पड़ती है. मानसिकता तो बदली है हमने.-BHIM ऐप इन दिनों एक सुरक्षित डिजिटल लेनदेन मोड के रूप में स्वीकृति प्राप्त कर रहा है. इसके बारे में और समझने के लिए विदेश में संपर्क हो रहा है. जनवरी 2020 में BHIM ऐप के माध्यम से 2.16 लाख करोड़ लेनदेन हुए.
– हमारे पास सभी घरों तक साफ पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने का एक मिशन है. हमने मूलभूत सुविधाओं की समस्याओं के समाधान को 100 फीसदी पूरा करने की दिशा में जाने का प्रयास किया है.
– हमारे आदिवासी बच्चों में कई होनहार बच्चे होते हैं, लेकिन अवसर नहीं होता है. हमने एकलव्य स्कूलों के द्वारा ऐसे बच्चों को अवसर देने का बहुत बड़ा काम किया है.