नई दिल्ली। अब से कुछ घंटे बाद देश का बजट पेश होने वाला है. वित्तीय साल 2020-21 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब अपनी बजट पोटली खोलेंगी तो देश के आम आदमी से लेकर उद्योग जगह तक कि निगाहें उनके भाषण पर होंगी. इस बार का बजट निर्मला सीतारमण के लिए चुनौतियां लेकर आया है. गिरती जीडीपी और बेरोजगारी देश के लिए सबसे बड़ी चिंता है. 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने का सपने देखने वाले प्रधानमंत्री मोदी के लिए ये बजट पहला कदम साबित हो सकता है.
निर्मला सितारमण करीब 8:30 बजे अपने निवास 15 सफदरजंग रोड से वित्त मंत्रालय नार्थ ब्लॉक के लिए निकलेंगी. वहां बजट की अंतिम औपचारिकता पूरी करने के बाद वित्ता मंत्री करीब 9:15 पर पर राष्ट्रपति भवन रवाना होंगी. राष्ट्रपति भवन मे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी लेने के बाद वित्त मंत्री सीधे संसद के लिए रवाना होंगी. करीब 10- सवा दस बजे तक संसद संसद भवन पहुचेंगी. संसद मे कैबिनेट मीटिंग करीब 10:30 – 10:45 बजे होगी. कैबिनेट से बजट को संसद में पेश करने के लिए अंतिम मंजूरी दी जाएगी. सुबह 11 बजे संसद में वित्त मंत्री निर्मला सितारमण बजट पेश करेंगी.
इस बार के बजट में ये हैं चुनौतियां
आर्थिक सुस्ती: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने चुनौती आर्थिक सुस्ती से निपटने की होगी. जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी पर आ चुकी है. ऐसे में बजट के जरिए कैसे ग्रोथ को 2014 वाले स्तर पर ले जाया. इसकी तस्वीर निर्मला सीतारमण पेश कर सकती हैं.
बेरोजगारी: रोजगार को लेकर मोदी सरकार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर है. बेरोजगारी की दर 6 फीसदी तक पहुंच चुकी है. आर्थिक सुस्ती के बीच बेरोजगारी और बढ़ने की आशंका है. इस आशंका से भी दूर करने का भरोसा आज वित्त मंत्री को देना होगा.
5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि साल 2024 में देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाए…इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में क्या ऐलान होगा ये भी देखना दिलचस्प होगा.
टैक्स कलेक्शन बढ़ाना: नौकरीपेशा यही चाहता है कि सरकार बजट में टैक्स में छूट दे. लेकिन पिछले साल की गई कटौती के कारण डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5 फीसदी तक गिर चुका है. ऐसे में इनकम टैक्स में कमी की उम्मीद बेहद कम है क्योंकि टैक्स कलेक्शन बढ़ाना भी चुनौती है.
इससे पहले, शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. आर्थिक सर्वे में ये बातें प्रमुख रूप से सामने आईं हैं
– वित्त वर्ष 2019-20 में GDP ग्रोथ 5% रहने का अनुमान है.
– वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ 6-6.5% रहने का अनुमान है.
– वित्त वर्ष 2020-21में वित्तीय घाटा बढ़ने की संभावना.
– आने वाले दिनों में दुनियाभर में विकास में कमी देखने को मिलेगी.
-आने वाले दिनों में खाद्य सब्सिडी में बदलाव संभव.
– वित्तीय घाटा कम करने के लिए खाद्य सब्सिडी में बदलाव संभव है.
– रियल एस्टेट कंपनियों को कीमत घटानी चाहिए.