लखनऊ। लखनऊ में धारा 144 लागू होने के बाद भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में घंटाघर में हो रहे प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने तीन मुकदमें दर्ज किए हैं। पुलिस ने मशहूर शायर मुनव्वर राना की दोनों बेटियों खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दोनों बेटियां सुमैय्या राना, फौजिया राना और 12 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 145, 188 और 352 के तहत लखनऊ के ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस ने जिनके खिलाफ मुकादमा दर्ज किया है उनमें से 24 लोग नामजद व 140 अज्ञात हैं। एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि धारा 144 के चलते प्रदर्शन पूरी तरह असंवैधानिक है। घंटाघर के सामने पिछले चार दिनों से महिलाए अपने बच्चों के साथ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।
ठाकुरगंज थाने में तैनात दारोगा सेठ पाल सिंह ने मोईनउद्दीन, रसूक अहमद, शबी फातिमा, साफिया, हफीजा और 138 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 145, 188 और 283 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस एफआईआर में 20 वाहनों का भी जिक्र किया गया है, जिनकी वजह से घंटाघर के आसपास जाम भी लगा।
दूसरी एफआईआर
ठाकुरगंज थाने में तैनात दारोगा कैलाश नारायण त्रिवेदी ने लईस हसन और नसरीन जावेद के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 505 1बी के तहत दर्ज करवाई है।
तीसरा मुकदमा
ठाकुरगंज थाने में तैनात महिला सिपाही ज्योति कुमारी ने शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैय्या राना, फौजिया राना, रुखसाना, शबी फातिमा और 10 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 145, 188 और 352 के तहत ठाकुरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ घंटाघर के बाद गोमतीनगर के उजरियांव में गंज शहीदा कब्रिस्तान के पास स्थित दरगाह परिसर में दर्जनों की संख्या में महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। धरना समाप्त करने के लिए पुलिस काफी देर तक प्रदर्शनकारियों को समझाती रहीं लेकिन वे नहीं मानीं। दरगाह परिसर में बैठी महिलाओं और बच्चों ने सीएए के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने एतराज जताते हुए घर जाने को कहा लेकिन महिलाएं अड़ी रहीं। उनका कहना है कि वे लोग इसी तरह से सीएए का विरोध करती रहेंगी।