कश्मीरी पंडितों के निर्वासन के 30 साल, सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा #HumWapasAayenge

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के 30 साल पूरे होने जा रहे हैं. कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी बॉलीवुड फिल्म ‘शिकारा’ का एक डायलॉग ‘हम आएंगे अपने वतन’ #HumWapasAayenge के साथ सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. सोशल मीडिया पर लोग इससे जुड़े अपने वीडियो शेयर कर रहे हैं.  फिल्म ‘शिकारा’ 19 जनवरी 1990 में हुए लाखों कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर आधारित है. यह फिल्म 7 फरवरी को रिलीज होगी.

बता दें कि 19 जनवरी को घाटी से कश्मीर पंडितों के निर्वासन को 30 साल पूरे हो जाएंगे. इससे पहले सोशल मीडया पर #HumWapasAayenge ट्रेंड करना लगा.

अकांक्षा भट्ट ने अपने ट्विटर अकाउंट से वीडियो जारी करते हुए लिखा, ‘एक कश्मीरी पंडित के जीवन की यादों को कुछ भी नहीं ठीक कर सकता है .. लेकिन एक उम्मीद जिंदा है कि… #हमवापसआएंगे’

रोहित ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से कश्मीर में वापसी का वीडियो शेयर किया.

टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने अपने ट्विटर अकाउंट #HumWapasAayenge के साथ अपने बचपन की तस्वीर शेयर की. इस ट्वीट में सुनंदा कश्मीर ने कश्मीर वादियों में बिताए अपने बचपन को याद करते हुए लिखा. ‘मेरे पास बचपन की कई तस्वीरें नहीं हैं. जीवन और फैमिली एल्बमों के बीच चयन करना वास्तव में कोई विकल्प नहीं है. जब जान बचाई गई, तो फैमिली एल्बम पीछे छूट गए. 30 साल हो गए. घर वापस जाने का संकल्प केवल मजबूत हुआ है’

चंद्रकांत भट्ट पंडिता ने लिखा, ‘कल 19 जनवरी 2020 को हम कश्मीरी पंडितों को अपनी मातृभूमि से निर्वासित किए जाने 30 साल पूरे हो जाएंगे. मैं तथाकथित धर्मनिरपेक्षवादियों को चुनौती देता हूं कि वह भी निर्वासन का अनुभव करें. मैं अपने समुदाय पर गर्व महसूस कर रहा हूं जो सभी बाधाओं के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे जो हर समय साहस आत्मविश्वास दिखाता है. ‘

 

खुशबू मट्टो ने लिखा, ’30 साल खो गए. आठ किराए के जगह. जिनमें से कोई दीवार भी मेरी खुद की नहीं. कोई भी द्वार मेरे घर नहीं कहलाता,  हमारे दिलों में आज भी कश्मीर है, किसी भी गली से हम परिचित नहीं, सभी पराई हैं…
30 साल खो गए…’

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