मुंबई। Maharashtra Politics कांग्रेस के पूर्व सांसद यशवंतराव गडाख ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कांग्रेस और एनसीपी के मंत्री बंगलों और विभागों के आवंटन जैसे मुद्दों पर ऐसे ही सरकार के कार्यों में बाधा डालते रहे तो, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बता दें कि शिवसेना खुद इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि मंत्री पद को लेकर इस गठबंधन की सरकार में खींचतान चल रही है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार में 36 मंत्रियों को शामिल किया गया था। हालांकि, मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या अब 43 हो गई है जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात के बाद मंत्रियों के विभागों के आवंटन को अंतिम रूप दिया था और सभी मुद्दों को सुलझा भी लिया गया था। कांग्रेस कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग न मिलने के कारण नाराज है। मंत्रिमंडल में विभागों और बंगलों के बंटवारे को लेकर मंत्री खुश नहीं हैं।
करीब दर्जनभर शिवसेना विधायक भी मंत्रिमंडल पद न मिलने से नाराज चल रहे हैं। तो वहीं कई विधायक अपने कम ओहदे के कारण भी परेशान हैं। बता दें कि शिवसेना के कुल 14 मंत्री बनाए गए हैं जिनमें पूर्व सरकार में मंत्री रहे रामदास कदम, रवींद्र वायकर, शिवसेना नेता दिवाकर रावते, दीपक केसरकर को भी इस बार मौका नहीं मिल पाया है।
महाराष्ट्र में विपक्षी भाजपा एक माह से अधिक समय से सत्ता में होने के बावजूद विभागों के आवंटन में देरी के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साध चुकी है। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के दो-दो सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 28 नवम्बर को शपथ ग्रहण की थी। इसके पश्चात 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था।
ज्ञात हो कि एनसीपी के अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट को राजस्व विभाग, अशोक चव्हाण को पीडब्ल्यूडी मंत्री इसके अलावा शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पर्यटन और पर्यावरण मंत्रालय सौंपा गया है।