नई दिल्ली। पाकिस्तान के मुस्लिम कट्टरपंथियों ने शुक्रवार (3 जनवरी) को जुमे की नमाज के बाद सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे को घेर लिया। जमकर पत्थरबाज़ी की। मुस्लिम भीड़ ने सिखों को मारने-पीटने के अलावा उन्हें भगाने और ननकाना साहिब का नाम बदलकर ग़ुलाम-ए-मुस्तफ़ा रखने की धमकी दी। इस कट्टरपंथी भीड़ का नेतृत्व मोहम्मद हसन का परिवार कर रहा था। मोहम्मद हसन वही युवक है जिससे सिख लड़की जगजीत कौर का अपहरण कर जबरन निक़ाह कराया गया था। मोहम्मद हसन के आतंकी सरगना हाफ़िज़ सईद के संगठन से जुड़े होने की भी खबर आई थी।
बता दें कि जगजीत कौर गुरुद्वारे के ग्रंथी की बेटी हैं। इस घटना से जुड़े वीडियो में यह साफ़ तौर पर दिखा कि किस तरह से मुस्लिम भीड़ ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे को घेरा हुआ था, वहाँ उन्होंने अल्लाह-हु-अकबर के नारे लगाए और सिखों पर को भगा देने की बाते कही। दुनिया भर में यह वीडियो बड़ी तेज़ी से वायरल हो चुका है और इसकी कड़ी निंदा हो रही है। इस मामले में भारत सरकार ने भी बयान जारी कर पाकिस्तान से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
इन सबमें हैरान कर देने वाली बात यह है कि जहाँ पूरी दुनिया इस घटना से परिचित है, वहीं कॉन्ग्रेस का मानना है कि यह वीडियो ही फेक है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजयसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद का कहना है कि उन्हें इस घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
इस पर उसी वीडियो का सन्दर्भ लेते हुए, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने चुटकी ली और कहा कि कोई वीडियो में धमकी देने वाले मुस्लिम के शब्दों (मैं आ रहा हूँ सिखों.. भागो.. अंजाम बहुत बुरा होगा.. या अल्लाह.. लाइलहाह इलल्लाह) का इतावली भाषा में अनुवाद कर दें ताकि कॉन्ग्रेस पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का सबूत माँगना बंद कर दे।
“मैं आ रहा हूँ सिखों ..भागो ..अंजाम बहुत बुरा होगा ..या अल्लाह ..लाइलहाह इलल्लाह”
Can someone please translate this in Italian for @RahulGandhi & Sonia Gandhi …so that they stop asking for evidences of Minority persecution in Pakistan!! pic.twitter.com/G49OrxZHH9
— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 4, 2020
भाजपा नेता के ट्वीट के जवाब में छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस के ट्विटर हैंडल ने लिखा, “किसी भाषा में अनुवाद करने की ज़रूरत नहीं है, सब जानते हैं कि यह “संघी” भाषा है। इस भाषा में कुछ दिन पहले इंडिया गेट पर “गोली मारो..” के नारे भाजपा नेताओं द्वारा लगाए जा रहे थे। दोनों तरफ से एक जैसे झूठे वीडियो ट्वीट हो रहे हैं, एक जैसी भाषा बोली जा रही है। सभी क्रोनोलोजी समझें।”
किसी भाषा में अनुवाद करने की जरूरत नहीं है, सब जानते हैं कि यह “संघी” भाषा है।
इस भाषा में कुछ दिन पहले इंडिया गेट पर “गोली मारो..” के नारे भाजपा नेताओं द्वारा लगाए जा रहे थे।
दोनों तरफ से एक जैसे झूठे वीडियो ट्वीट हो रहे हैं, एक जैसी भाषा बोली जा रही है।
सभी क्रोनोलोजी समझें। https://t.co/88Bt7lh5kz
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) January 4, 2020
सबसे पहले, यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि घटना का वीडियो फेक नहीं है। पत्रकार रविन्द्र रॉबिन सिंह ने कई वीडियो पोस्ट किए, जहाँ एक ही कपड़े के एक ही आदमी को पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर हमला करने वाली भीड़ के हिस्से के रूप में देखा गया।
नीचे दी गई पहली इमेज पत्रकार द्वारा अपलोड किए गए वीडियो का एक स्नैपशॉट है, जिसके माध्यम से ब्रेकिंग न्यूज़ पोस्ट की गई। दूसरा उस वीडियो भाजपा नेता संबित पात्रा द्वारा पोस्ट किया गया। दोनों ही वीडियो में एक ही शख़्स (मुल्ला) है जो एक ही कपड़े में है।
इसके अलावा, एक बात और चौंकाने वाली है कि कॉन्ग्रेस को उस सिख लड़की के हितों से कोई लेना-देना नहीं है जिसका ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करा निक़ाह करवा दिया गया। ननकाना साहिब पर हुए हमले से जुड़े वीडियो को नकारने के साथ ही वो मोहम्मद हसन जैसे मुस्लिमों का तो बचाव कर ही रही है, साथ ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे ज़ुल्म से भी इनकार करती नज़र आ रही है।
नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ दंगाइयों ने जब “ला इलाहा इल्लल्लाह” और “हिन्दुओं से आज़ादी” के नारे लगाए थे तब भी कॉन्ग्रेस ने चुप्पी साध रखी थी। ज़ाहिर सी बात है, ऐसा करके वो भारत के इस्लामी कट्टरपंथियों और पाकिस्तान के जिहादियों के भारत-विरोधी हरक़तों पर पर्दा डालने की जुगत में है।
इसी क्रम में, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। ननकाना साहिब सिखों के लिए एक पवित्र स्थान है और सभी धर्मों के लोग इसका सम्मान करते हैं। अगर ऐसी कोई घटना हुई है, तो हम सभी इसकी कड़ी निंदा करते हैं।”
Ghulam Nabi Azad, Congress on mob attack on #NankanaSahib in Pakistan y’day: I don’t have much information about it. Nankana Sahib is a sacred place for Sikhs and people of all religions have respect for it. If such an incident has occurred, all of us strongly condemn it. pic.twitter.com/z2d6aHQ4iO
— ANI (@ANI) January 4, 2020