आंध्र प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार (दिसंबर 19, 2019) को पाकिस्तान से जुड़े एक जासूसी रैकेट का पर्दाफाश करने का दावा करते हुए नौसेना कर्मियों और हवाला ऑपरेटर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। आंध्र प्रदेश पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे रैकेट की जाँच शुरू कर दी है। गिरफ्तार किए गए सभी नौसैनिकों से पूछताछ की जा रही है।
आंध्र प्रदेश की खुफिया एजेंसी, केंद्रीय खुफिया एजेंसी और नौसेना की खुफिया एजेंसी ने संयुक्त अभियान चलाकर इस रैकेट का भंडाफोड़ किया। बताया जा रहा है कि इस रैकेट के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है पुलिस की खुफिया शाखा ने केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों और नौसेना के खुफिया विभाग के साथ मिलकर ‘ऑपरेशन डॉल्फिन्स नोज’ चलाया और इस जासूसी रैकिट का पर्दाफाश किया। पुलिस ने कहा, “प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। नौसेना के 7 कर्मचारियों और एक हवाला ऑपरेटर को देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है।”
Andhra Pradesh DGP office: State Intelligence Department along with Central Intelligence Agencies&Naval Intelligence, has busted an espionage racket having links to Pakistan. 7 Navy personnel&a hawala operator have been arrested from different parts of country. Further probe on.
बेंगलुरु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौतम सवांग ने बताया, “वे सभी देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं, लेकिन फिलहाल विशाखापत्तनम में हैं। हम इस बारे में और कोई जानकारी शेयर नहीं कर सकते। जाँच चल रही है।” पुलिस को शक है कि इन अधिकारियों ने पाकिस्तान में आतंकी समूहों को सूचनाएँ लीक की थीं।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार नौसैनिकों ने भारतीय पनडुब्बियों और जहाजों की जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर को दी थी। पुलिस ने तीन नेवी सेलर्स को विशाखापटनम से, दो को कारवार नेवल बेस और दो को मुंबई नेवल बेस से गिरफ्तार किया। खुफिया विभाग पिछले कई दिनों से इनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि सभी सातों आरोपित 2017 में नौसेना में शामिल हुए थे। सितंबर 2018 में से सोशल नेटवर्किंग साइट की मदद से तीन से चार महिलाओं के संपर्क में आए। इन महिलाओं ने बाद में उनका परिचय पाकिस्तानी हैंडलर से व्यापारी के तौर पर करवाया, जिसने उनसे नौसेना की गोपनीय सूचना लेनी शुरू कर दी। गिरफ्तार नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों से लौटने के बाद इनके लोकेशन की जानकारी दिया करते थे। इन्होंने पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के बीच नौसेना से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियों हैंडलर को दी। इन्हें इसके बदले एक हवाला ऑपरेटर की मदद से हर महीने पैसे भी दिए गए।