नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे का ‘पीआईएल (पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन, जनहित याचिका) कार्यकर्ताओं’ के प्रति धैर्य चुकता प्रतीत हो रहा है। पहले उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के ‘बेचारे’ छात्रों के मानवाधिकार की दुहाई देने और उन पर पुलिस की कार्रवाई की जाँच की माँग लेकर आए याचिकाकर्ताओं से कहा कि केवल छात्र होने भर से किसी को देश का कानून अपने हाथ में लेने का हक़ नहीं मिल जाता। इसके बाद उन्होंने प्रशांत भूषण को उनकी एक याचिका के लिए फटकार लगाई है।
यह याचिका प्रशांत भूषण की ही एक पुरानी याचिका के बारे में थी। उस पुरानी याचिका को दायर कर प्रशांत भूषण ने आरटीआई एक्ट (सूचना के अधिकार कानून) के संबंध में राज्यों के सूचना आयुक्तों (इन्फॉर्मेशन कमिश्नरों) की नियुक्ति के बारे में सवाल उठाए थे। साथ ही उनका आरोप था कि आरटीआई एक्ट को बेवजह कमज़ोर किया जा रहा है।
इसके जवाब में एक ओर जहाँ सीजेआई ने माना कि आरटीआई को लेकर कुछ गंभीर चिंताएँ अवश्य जायज़ हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोग सूचनाएँ माँग रहे हैं, जिनका मामले से कोई लेना-देना ही नहीं है। भूषण के प्रति नाराज़गी का प्रदर्शन करते हुए कहा, “कुछ लोग खुद को ‘आरटीआई एक्टिविस्ट’ कहते हैं। मुझे बताइए, ये कोई व्यवसाय है क्या?”
Live Law@LiveLawIndiaPB- They issued an advertisement in January for 4 vacancies, got a number of applications. Now they’ve issued a fresh advertisement for same vacancies.
Idea is to stall the process of the working of #RTI. We have to keep coming back to this court
CJI- there is some apprehension regarding RTI. Decisions are not being taken.
Anyone who has nothing to do with the issue seek information
Some people call themselves #RTI activists. Tell me, is that an occupation?
मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वे सूचना के सार्वजानिक होने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसको लेकर चिंतित हैं कि जिनका विषय से कोई लेना-देना नहीं है, वे किसी मुद्दे पर जानकारी चाहते हैं। भूषण को एक बार और सुनाते हुए उन्होंने कहा, “हर रोज़ कोई जानकारी चाहता है और आप उनके पीछे होते हैं। इस पर किसी तरह की कोई रोक (फ़िल्टर) होनी चाहिए।”
Live Law@LiveLawIndiaCJI- but tell me, when there is someone who seeks info on certain business, let people from the business seek it. Why would someone without any interest want to get info#RTI
CJI to @pbhushan1 PB- everyday someone seeks information, and you are behind them
There should be some sort of filter#RTI
जस्टिस बोबडे ने चिंता इस बात पर भी जताई कि इस जानकारी का इस्तेमाल लोगों को ब्लैकमेल करने में हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून का कोई दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा कि वे अपना दिमाग लगाएँगे इसके हल के लिए।