नई दिल्ली। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया। इस बिल के समर्थन में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। अब इस बिल को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इस बिल में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है।
नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से लोकसभा में सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यसभा में समर्थन देने के लिए शर्त रख दिया जिसकी वजह से सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। इस बिल को राज्यसभा में पास कराना चुनौती साबित हो सकती है।
उद्धव ठाकरे का कहना है कि नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने वालों को देशद्रोही मानना भ्रम है। सिर्फ बीजेपी ही देश का ध्यान रख सकती है ये भी भ्रम है। शरणार्थी कहां और किस प्रदेश में रखे जाएंगे और यह सभी बातें साफ होनी चाहिए। साथ ही शिवसेना ने कहा था कि शरणार्थियों को 25 साल तक वोट करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। तो वहीं जेडीयू में भी इस बिल के समर्थन पर दो फाड़ हो गया है।
लोकसभा में शिवसेना के समर्थन के बाद राज्यसभा में सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई परेशानी नहीं आती। लेकिन शिवेसना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान के बाद समीकरण बिगड़ने का डर है। इसके साथ ही जेडीयू के रूख में भी बदलवा आता है तो मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में पास कराने की बड़ी चुनौती होगी।
राज्यसभा में कुल 245 सांसद हैं, लेकिन पांच सीटें खाली हैं, जिसकी वजह से फिलहाल कुल सदस्यों की संख्या 240 है। मतलब है अगर राज्यसभा के सभी सांसद मतदान करें तो बहुमत के लिए 121 वोट की जरूरत पड़ेगी। बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है।
राज्यसभा में सरकार का आंकड़ा
नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में जिन दलों ने समर्थन दिया है उसके मुताबिक राज्यसभा में आंकड़ों को देखें तो यह संख्या 119 है। इनमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11, अकाली दल के 3, जेडीयू के 6, वाईएसआर कांग्रेस के 2, एलजेपी के 1, आरपीआई के 1 और 4 नामित राज्यसभा सदस्य हैं।
विपक्ष के सांसदों की संख्या
नागरिकता संशोधन बिल क पर विपक्ष का जिस तरह से रुख है। इसके बावजूद विपक्ष राज्यसभा में इस विधेयक को रोकने में बहुत मजबूत स्थिति में दिख नहीं रहा है। राज्यसभा में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, सपा के 9, वामदल के 6 और डीएमके के 5 और आरजेडी, एनसीपी और बसपा के 4-4 सदस्य हैं। इसके अलावा टीडीपी के 2, मुस्लिम लीग के 1 पीडीपी के 2, जेडीएस के 1, आम आदमी पार्टी के 3, केरल कांग्रेस के 1 और टीआरएस के 6 सदस्य हैं। इस तरह विपक्ष के पास 100 सांसद हैं।
इन पार्टियों पर नजर
सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ खड़ी पार्टियों के अलावा राज्यसभा में 21 सांसद हैं। इनके रुख पर भी सरकार की नजर है और बहुत कुछ तय करेगा। इनमें शिवसेना के 3, असम गण परिषद के 1, बोडोलैंड पीपुल फ्रंट के 1, एमडीएमके 1, नागा पीपुल्स के 1, पीएमके के 1 और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1 राज्यसभा सांसद हैं। इसके अलावा 6 राज्यसभा सदस्य निर्दलीय और अन्य के हैं। हालांकि शिवसेना ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया था।