हैदराबाद रेप केस के आरोपी एनकाउंटर में ढेर
पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए आरोपी
गुरुवार देर रात पुलिस के साथ हुआ एनकाउंटर
हैदराबाद। हैदराबाद में महिला डॉक्टर का रेप और फिर उसकी हत्या कर देने वाले आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है. शुक्रवार सुबह जब पूरा देश सो कर उठ ही रहा था, तभी खबर आई कि पुलिस के साथ हुए एक एनकाउंटर में चारों आरोपी ढेर हो गए हैं. बता दें कि पुलिस-आरोपियों के बीच ये मुठभेड़ उसी जगह हुई जहां पर इन दरिंदों ने दिशा (बदला हुआ नाम) रेप किया था.
गुरुवार की देर रात पुलिस और इन आरोपियों के बीच ऐसा क्या हुआ, जो इनका एनकाउंटर हो गया. रात की पूरी घटना क्या रही, पूरा घटनाक्रम जानिए…
– हैदराबाद पुलिस को दिशा (बदला हुआ नाम) के आरोपियों की 7 दिन की कस्टडी मिली थी.
– पुलिस इन सात दिनों में पूछताछ कर रही थी और इसी दौरान सीन को रिक्रिएट करने के लिए आरोपियों को उसी स्थान पर ले गई थी, जहां उन्होंने दिशा (बदला हुआ नाम) के साथ रेप किया था और उसे जिंदा जला दिया था.
– पुलिस का दावा है कि सीन रिक्रिएशन के दौरान ही आरोपियों ने पुलिस पर हमला कर दिया और वहां से भागने की कोशिश की.
– पुलिस और आरोपियों के बीच उसी दौरान मुठभेड़ हुई और हैदराबाद पुलिस के हाथों एनकाउंटर में चारों आरोपी ढेर हो गए.
– ये एनकाउंटर हैदराबाद के एनएच 44 पर हुआ है.
आपको बता दें कि हैदराबाद में 27 नवंबर को स्कूटी से जा रही महिला डॉक्टर के साथ चार आरोपियों ने रेप किया था और उसके बाद उसे जिंदा जला दिया था. जिसके बाद से ही पूरा देश चौंक गया था. देश के कई हिस्सों में इस मामले के खिलाफ प्रदर्शन हुआ, सड़कों पर प्रदर्शन हुआ और संसद तक बवाल हो गया.
देश में हर कोई मांग कर रहा था कि दिशा के आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जाए और शुक्रवार सुबह इस एनकाउंटर की खबर आ गई.
दिशा के पिता ने की थी दोषियों को जल्द सजा की मांग
महिला डॉक्टर के पिता ने मंगलवार को कहा था कि दोषियों को जितना जल्दी संभव हो उतना जल्दी सजा देनी चाहिए. कई कानून बनाए गए लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने निर्भया केस का हवाला देते हुए कहा था कि अभी तक दरिंदों को सजा नहीं मिली. दोषियों को फांसी पर लटकाना चाहिए.
बता दें कि 7 साल पहले 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था. मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला और दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई, लेकिन अभी तक दोषियों को फांसी पर नहीं लटकाया गया है.