बीजेपी ने राहुल बजाज के बयान को विपक्ष से प्रभावित बताया
कहा- ईमानदारी से काम करने वालों के लिए डर जरूरी नहीं
सरकार उद्योगपतियों की बात सुनने के लिए हमेशा तैयार
नई दिल्ली। देश के दिग्गज उद्योगपति राहुल बजाज का गृह मंत्री अमित शाह के सामने एक कार्यक्रम में दिया गया बयान लगातार चर्चा में बना हुआ है. राहुल बजाज ने गृह मंत्री के सामने कहा था कि देश में इस वक्त खौफ का माहौल है, लोग सरकार की आलोचना करने से डर रहे हैं, क्योंकि लोगों में ये यकीन नहीं है कि उनकी आलोचना को सरकार में सराहा जाएगा. इसी बीच उन्होंने साध्वी प्रज्ञा पर भी सवाल खड़ा किया.राहुल बजाज के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा है कि विपक्ष ये कैंपेन सरकार के खिलाफ चला रहा था उसी के हिसाब से शायद वे उससे प्रभावित हैं या उनके साथ मिलकर ऐसा बयान दे रहे हैं. राहुल बजाज विपक्ष के नैरेशन से प्रभावित होकर यह बात कह रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विपक्ष ये कैंपेन सरकार के खिलाफ चला रहा ता उसी हिसाब से शायद वे उससे प्रभावित हैं, या उसके साथ मिलकर ऐसा बयान दे रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात का जवाब दे दिया था कि किसी को डरने की बात नहीं है.
सरकार कर रही ईमानदारी से काम
गोपाल कृष्ण ने कहा कि राहुल बजाज दो चीजों को मिलाकर बात कह रहे हैं. उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर का विषय उठाया जिसके बारे में बीजेपी ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की है. इनटॉलरेंस और लिंचिंग वाले मुद्दे पर भी अपनी बात कही है. जहां तक उद्योगपतियों की बात है तो उसमें स्पष्ट रूप से हमें कहना है कि कंपनी लॉ के तहत बहुत महत्वपूर्ण कदम सरकार उठा चुकी है. एक समिति बिठाई थी सरकार ने और उसकी रिपोर्ट आई है, जिसके तहत 46 अमेंडमेंट उसमें सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें कंपनी लॉ में उन्हें डिक्रिमिनलाइज किया जाए.
अपराधियों के अंदर डर जरूरी
गोपाल कृष्ण ने कहा कि जो अपराधी हैं और विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं रुकेगी. जो अपराधी हैं जिन्होंने बैंकों का पैसा चुरा लिया है, देश के पैसे को लूटा है, उनके अंदर तो डर होना ही चाहिए उसमें क्या बात है. मनमोहन सिंह के सामने नहीं डरता था.
उन्होंने कहा कि अगर नौकरशाही कहीं परेशान कर रही है सरकार के किसी कदम में कानून में कमी है तो सरकार उस पर भी बड़ी मजबूती से तेजी से कदम उठा रही है. मुझे यह उद्योगपतियों का और प्रज्ञा ठाकुर के नैरेशन के बीच कोई रिश्ता समझ नहीं आया कि कैसे राहुल बजाज जी ने उनको रिलेट किया. देश के कानून का डर होना ही चाहिए नियमों का पालन होना चाहिए और ईमानदारी से काम करने वाले को पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए. सरकार उद्योगपतियों की बात सुनने के लिए तैयार है.