मुंबई/बारामती। महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस ने मिलकर महा विकास अघाड़ी गठबंधन बनाया है. इस गठबंधन ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को विधायक दल का नेता चुना है. उद्धव गुरुवार शाम में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. इससे पहले ही महाराष्ट्र में कुछ पोस्टर लगे हैं जो लोगों का ध्यान खींच रहे हैं. इन पोस्टरों में एनसीपी नेता अजित पवार को भावी मुख्यमंत्री बताया जा रहा है. ये पोस्टर अजित पवार के विधानसभा क्षेत्र बारामती में लगाए गए हैं.
पोस्टर में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी तस्वीर है. इस वक्त इस पोस्टर के काफी मायने हैं. दरअसल, 22 नवंबर को देर शाम तक अजित पवार की अगुवाई में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनाने की तैयारी चल रही थी. शनिवार तड़के टीवी स्क्रीन पर बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते दिखे. पता चला कि अजित पवार ने पार्टी से बगावत करके बीजेपी से हाथ मिला लिया है.
शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पत्रकारों को बताया कि अजित पवार ने पार्टी से बगावत की है. शनिवार देर शाम तक अजित पवार को छोड़कर एनसीपी सारे विधायक शरद पवार के पास लौट आए. हालांकि रविवार को एनसीपी की ओर से पार्टी में लौटने का अनुरोध किया जाता रहा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर कहा गया कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की सरकार बुधवार शाम पांच बजे तक बहुमत साबित करना होगा.
इसके बाद अजित पवार इस्तीफा देकर दोबारा अपने चाचा शरद पवार के पास लौट आए. मंगलवार शाम को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर महा विकास अघाड़ी गठबंधन का ऐलान किया और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया. इस बैठक के कुछ देर बाद ही अजित पवार और शरद पवार की मीटिंग हुई. बुधवार को एनसीपी की बैठक में अजित पवार पार्टी के मुख्य नेताओं के साथ मंच पर बैठे दिखे.
राजनीति के जानकार मानते हैं कि शरद पवार ने भतीजे अजित पवार को पूरी तरीके से माफ कर दिया है. उन्हें दोबारा से उद्धव ठाकरे की अगुवाई में बनने वाली सरकार में बड़ा ओहदा दिलाया जा सकता है. कुछ लोग ये भी मानते हैं कि अजित पवार का देवेंद्र फडणवीस सरकार को समर्थन देना एक रणनीति का हिस्सा था. क्योंकि बीजेपी अजित पवार के खिलाफ दर्ज घोटाले के आरोपों को चुनाव में मुद्दा बनाती रही है. अब बीजेपी अजित पवार पर घोटाले के आरोपों को प्रमुखता नहीं उठा पाएगी.
यहां आपको बता दें कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन की बनने वाली सरकार के अगुवा भले ही उद्धव ठाकरे हैं, लेकिन इसके सूत्रधार शरद पवार दिख रहे हैं. माना जा रहा है कि सरकार पर शरद पवार का ही नियंत्रण देखने को मिल सकता है. ऐसे में चाहेंगे कि उनके भतीजे अजित पवार सरकार में अहम ओहदा हासिल करें. हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनसीपी अपने बागी नेता अजित पवार पर कार्रवाई करने के बजाय उनको पद देते हैं या नहीं. मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में 162 विधायकों के समक्ष एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि वह अजित पवार के खिलाफ सही समय पर उचित कार्रवाई करेंगे.