नई दिल्ली। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन (TN Seshan) का निधन हो गया है. भारतीय चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए टीएन शेषन (TN Seshan) सदैव याद किए जाते रहेंगे. 1990 से पहले भी भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त रहे लेकिन शायद ही उन्हें कोई याद करता है, लेकिन टीएन शेषन (TN Seshan) जैसे ही इस पद पर आए उन्होंने इसकी गरिमा बढ़ा दी. इस पद पर रहते हुए टीएन शेषन (TN Seshan) ने पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बिहार के रहते हुए भी उन्हें चुनाव के दौरान कानून के दायरे में रहकर कार्य करने को मजबूर कर दिया था.
बिहार में चुनाव के दौरान होने वाली हिंसा और बूथ कैप्चरिंग को रोकने के लिए टीएन शेषन (TN Seshan) ने पहली बार कड़े कदम उठाए थे. शेषन ने साल 1995 में बिहार में पहली बार 4 चरणों में चुनाव करवाया था. इस दौरान चारों बार चुनाव की तारीखें बदली गईं. इस दौरान लालू ने रैलियों में उनके खिलाफ खूब बयानबाजी की, लेकिन शेषन उनकी बातों से कहां डरने वाले थे. उन्होंने कई चुनाव रद्द करवाए और बिहार में बूथ कैप्चरिंग रोकने के लिए सेंट्रल पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया. ये बिहार के इतिहास का सबसे लंबा चुनाव था.
1995 के बिहार चुनाव प्रचार के दौरान लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) रैलियों में कहा करते थे- ‘ई टीएन शेषन (TN Seshan) को भैंसिया पर चढ़ा करके गंगाजी में हेला देंगे…’. इसके बावजूद शेषन जरा भी नहीं हिचकिचाए और बेहद ईमानदारी से चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराया. शेषन ने वोटर कार्ड बनवाए और चुनाव में ऑबजर्वर तैनात करवाना शुरू किया था.
10वें मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन (TN Seshan) का कार्यकाल 12 दिसंबर, 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक रहा था. चुनाव आयुक्त बनने से पहले शेषन ने कई मंत्रालयों में काम किया और जहां भी गए उस मंत्री और मंत्रालय की छवि सुधर गई. 1990 में मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद शेषन का डायलॉग ‘आई ईट पॉलिटिशियंस फॉर ब्रेकफास्ट’ काफी चर्चा में रहा.
वर्ष 1997 में उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था. लेकिन केआर नारायणन से हार गए. उसके दो वर्ष बाद कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन उसमें भी पराजित हुए. शेषन को 1996 में रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 1992 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने सभी छोटे-बड़े अधिकारियों को साफ-साफ शब्दों में कह दिया था कि चुनाव की अवधि तक किसी भी ग़लती के लिए वो उनके प्रति जवाबदेह होंगे.
सुब्रमण्यम स्वामी और शेषन में रही दोस्ती
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और टीएन शेषन (TN Seshan) में दोस्ती रही. हारवर्ड यूनिवर्सिटी में स्वामी ने शेषन को पढ़ाया था. हालांकि शेषन उम्र में बडे थे. उस दौर में सुब्रमण्यम स्वामी को हारवर्ड में जब भी दक्षिण भारतीय खाने की तलब लगती थी, वह शेषन के फ्लैट में पहुंच जाते थे और शेषन उनका स्वागत दही चावल और रसम के साथ किया करते थे. बताया जाता है कि राजीव गांधी के कहने पर टीएन शेषन (TN Seshan) मुख्य चुनाव आयुक्त बनने को तैयार हुए थे. राजीव गांधी और टीएन शेषन (TN Seshan) दोनों को चॉकलेट खाना काफी पसंद था. चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री रहते हुए शेषन को इस पद पर बिठाया गया था.