टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) ने अपनी कप्तानी में भारत को पहला आईसीसी विश्व कप (World Cup 1983) जिताया था. लेकिन कपिल उन्हें टीम इंडिया (Team India) की कप्तानी कैसे मिली और उन्हें तक कैसा लगा इसका खुलासा हाल ही में कपिल ने किया.कपिल ने रविवार को उस समय को याद किया जब उन्हें टीम की कप्तानी सौंपी गई थी. कपिल ने कहा कि वे खुश तो हुए ही थे, लेकिन डरे हुए भी थे. कपिल ने बताया कि उनकी खुशी और डर दोनों की वजह क्या थी.
किसी को उम्मीद नहीं थी
माना जाता है कि कपिल को ही विश्व कप दिलाने में टीम में अहम भूमिका निभाने वाला खिलाड़ी माना जाता है. उनकी नाबाद 175 की पारी जो उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली थी, टूर्नामेंट में एक टर्निंग प्वाइंट की तरह माना जाता है. भारतीय टीम को लेकर दुनिया में किसी को भी उम्मीद नहीं थी वह विश्व कप जीत सकेगी. यहां तक कि फाइनल में भी टीम को खुद भी उम्मीद नहीं थी कि टीम खिताब जीत सकेगी.
क्या कहा कपिल ने
कपिल ने एक कार्यक्रम में कहा, “कई बार आपको को कुछ चीजें समय से पहले मिल जाती हैं और उसका अहसास आपको बाद में होता है. मैं केवल 23 साल का ही था जब मुझे कप्तान बनाया गया था. मैं डरा होने के साथ ही खुश भी था क्योंकि मुझे लग रहा था कि मैं सीनियर खिलाड़ियों को कैसे संभालूंगा. लेकिन मैं खुश भी था क्योंकि चयनकर्ताओं ने मुझे कप्तान बनने के काबिल समझा.”
क्यों अजीब लगा कपिल को कप्तान बनने पर
कपिल ने कहा कि मैदान में वे कप्तान थे लेकिन मैदान के बाहर उनके हीरो कप्तान थे. उन्होंने कहा, “मुझे कुछ अजीब लगा जब मैं कप्तान बना और मेरे हीरो मेरे साथ मेरी कप्तानी में खेल रहे थे. इसलिए .यह मेरे लिए मुश्किल समय था. मेरे मन में केवल यही विचार था कि कि मैदान में कप्तान हूं लेकिन मैदान के बार वे मेरे कप्तान थे.”
फिल्म 83 मेरे बारे में नहीं- कपिल
टीम इंडिया के 1983 के विश्व कप जीतने की कहानी पर फिल्म 83 बन रही है जिसमें कपिलदेव की भूमिका रणवीर सिंह निभा रहे हैं. कपिल ने कहा कि फिल्म उन पर नहीं है बल्कि इस पर है कि टीम ने विश्व कप कैसे जीता. उन्होंने कहा, “फिल्म मेरे बारे में नहीं है, फिल्म इस बारे में है कि हमने 1983 का विश्व कप कैसे जीता. हां मैं खुशकिस्मत हूं कि रणवीर सिंह जैसे एक्टर, जिसके पास इतनी क्षमताएं हैं मेरा किरदार निभा रहा है.”