सबसे तेजी से विकेट लेने के तमाम रिकॉर्ड बनाने वाले रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के निशाने पर अब पाकिस्तानी पीएम इमरान खान (Imran Khan) आ गए हैं. रविचंद्रन अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले टेस्ट मैच में ही सबसे तेजी से 350 विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है. उनके नाम सबसे कम मैचों में 250 और 300 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी है. भारतीय टीम को अब गुरुवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ (India vs South Africa) पुणे में दूसरा टेस्ट मैच खेलना है. अश्विन इस मैच में इमरान खान, डेनिस लिली जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ सकते हैं.
तमिलनाडु के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) ने 66 मैचों में 350 टेस्ट विकेट लिए हैं. वे ऐसा करने वाले दुनिया के सिर्फ दूसरे गेंदबाज हैं. श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन भी ऐसा कर चुके हैं. इस तरह अश्विन और मुरलीधरन के नाम सबसे कम मैचों में 350 विकेट लेने का संयुक्त रिकॉर्ड है. अश्विन ने 45वें मैच में 250वां और 54वें मैच में 300 टेस्ट विकेट लिया था. यह दोनों ही विश्व रिकॉर्ड है.
33 साल के रविचंद्रन ने विशाखापत्तनम टेस्ट में आठ विकेट लिए थे. वे अगर पुणे टेस्ट में पांच विकेट भी ले लें तो डेनिस लिली (Dennis Lillee) और चामिंडा वास (Chaminda Vaas) के 355 विकेटों की बराबरी कर लेंगे. अश्विन को इन दोनों क्रिकेटरों से आगे निकलने के लिए कम से कम छह विकेट चाहिए. अश्विन की फॉर्म को देखते हुए यह ज्यादा मुश्किल नहीं लगता.
डेनिस लिली और चामिंडा वास के अलावा इमरान खान और डेनियल वेटोरी का रिकॉर्ड भी खतरे हैं. इमरान और वेटोरी ने टेस्ट क्रिकेट में 362-362 विकेट लिए हैं. अश्विन इन दोनों को भी जल्दी ही पीछे छोड़ सकते हैं. वे पुणे में ही ऐसा कर पाएंगे, ऐसा मानना जल्दबाजी होगी. हालांकि, वे एक बार एक मैच में 13 विकेट ले चुके हैं. अगर वे इस प्रदर्शन को दोहराते हैं, तो डेनिस लिली, वास के साथ-साथ इमरान और वेटोरी भी अश्विन से पीछे नजर आएंगे.
रविचंद्रन अश्विन अगर पुणे टेस्ट में इमरान और वेटोरी को पीछे नहीं छोड़ पाते हैं, तो उन्हें जल्दी इी इसके लिए दोबारा मौका मिलेगा. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 19 अक्टूबर से रांची में टेस्ट मैच खेला जाएगा. यानी, रविचंद्रन अश्विन को इमरान और वेटोरी को पीछे छोड़ने का मौका दिवाली के पहले ही मिलेगा.
भारतीय क्रिकेटरों की बात करें तो अनिल कुंबले के नाम 619 विकेट लेने का रिकॉर्ड है. उनके बाद कपिल देव (434) और हरभजन सिंह (417) का नंबर आता है. अश्विन अभी 400 के आंकड़े से ही 50 विकेट दूर हैं. इसलिए कम से कम इस साल तो कोई भी भारतीय गेंदबाज उनकी पहुंच में आने से रहा. हां, अगर अश्विन अगले दो साल और क्रिकेट खेल गए तो हरभजन सिंह और कपिल देव का रिकॉर्ड उनकी जद में आ जाएगा.