टीम इंडिया को 2007 टी-20 विश्वकप और 2011 में आईसीसी विश्वकप जिताने में बड़ी भूमिका निभाने वाले स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है, युवी ने एक इंटरव्यू में कहा, कि विराट कोहली को आराम देने के लिये टी-20 प्रारुप में अलग से कप्तान बनाया जाए, रोहित शर्मा इसके लायक हैं, एक न्यूज चैनल से बात करते हुए युवी ने अपने रियाटरमेंट और रोहित शर्मा को टेस्ट ओपनर बनाये जाने पर भी अपनी राय रखी।
रोहित को बनाया जाए कप्तान
युवराज सिंह से जब अलग-अलग प्रारुप में कप्तान को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होने कहा कि पहले सिर्फ दो ही प्रारुप होते थे, और अगर उस पर दबाव ज्यादा है, तो इसके लिये टी-20 प्रारुप में अलग कप्तान बनाया जाना चाहिये, रोहित ने खुद को सफल कप्तान के रुप में साबित किया है, इसका फैसला टीम प्रबंधन को लेना होगा, कि विराट कोहली कितना दबाव झेल सकते हैं।
ओपनर बनाने में देरी कर दी
रोहित शर्मा को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बतौर टेस्ट सलामी बल्लेबाज उतारने पर युवराज ने कहा कि टीम ने रोहित को ओपनर बनाने में काफी देर कर दी, मेरा मानना है कि रोहित को बहुत पहले ही ओपनिंग में मौका दिया जाना चाहिये था, टीम प्रबंधन ने रोहित को नंबर 6 पर उतारा, जिसकी वजह से उन्हें काफी मैचों में प्लेइंग इलेवन में मौका भी नहीं मिला, इस वजह से उनका काफी समय भी बर्बाद हो गया।
मुझे बहाने बनाकर बाहर किया गया
इस इंटरव्यू में युवी ने अपने रिटायरमेंट के पीछे का सच भी बताया, उन्होने कहा कि मेरा 98 का स्ट्राइक रेट था, 42 से ज्यादा औसत था, चोट के बाद मुझे बोला गया, कि आप श्रीलंका दौरे की तैयारी करो, फिर अचानक कहा गया, कि पहले यो-यो टेस्ट पास करो, फिर सलेक्शन होगा, मेरे सलेक्शन में अचानक यू-टर्न आ गया, फिर मुझे 36 साल की उम्र में यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी, मुझे कहा गया था कि यो-यो टेस्ट पास नहीं करोगे, तो चयन नहीं होगा, इसके बाद जब मैंने पास कर दिया, तो मुझे कहा गया कि घरेलू क्रिकेट में परफॉरमेंस कीजिए, उन्हें लगा था कि मैं यो-यो टेस्ट ही पास नहीं कर पाऊंगा, मुझे ऐसा लगा कि मेरे चयन के लिये बहानेबाजी हो रही है।
मुंह पर सच्चाई नहीं कही जाती
स्टार बल्लेबाज ने बीसीसीआई पर तंज कसते हुए कहा कि यहां क्रिकेटर्स को मुंह पर सच्चाई नहीं बताई जाती, ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, जो क्रिकेटर 15 से 17 साल खेला है, आपको उसे बैठकर बताना चाहिये, कि मुझसे किसी ने मेरे करियर के बारे में बात नहीं की, सहवाग, जहीर खान को भी नहीं बताया गया, उनके हिसाब से तो मैं बहुत कम क्रिकेट खेला हूं, मेरा कहना है जो भी इन मामलों को देखता है, उसे खिलाड़ियों से बैठकर बात करनी चाहिये, हम युवा खिलाड़ियों की ओर देख रहे हैं, लेकिन मुंह पर बात करनी चाहिये।