मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 3 चिंपैंजी और 4 बंदर जब्त
अमेरिकी बंदरों की कीमत 1,50,000 आंकी गई है
प्रत्येक चिंपैंजी की कीमत 25,00,000 आंकी गई है
पश्चिम बंगाल में मनी लॉन्ड्रिंग का अपने तरह का एक अनोखा मामला सामने आया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कार्रवाई करते हुए तीन चिंपैंजी और अमेरिका में पाए जाने विशेष प्रकार के चार बंदरों (Marmosets) को जब्त किया है. प्रत्येक चिंपैंजी की कीमत 25,00,000 और अमेरिकी बंदरों की कीमत 1,50,000 आंकी गई है. इस तरह 81,00,000 की कीमत के जब्ती का आदेश जारी किया गया है.
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ईडी ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल सरकार के वन्यजीव विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर की है. कोलकाता के सुप्रदीप गुहा के खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत केस दर्ज हुआ था. बंगाल सरकार के वन्यजीव विभाग ने इस अधिनियम की धारा 9, 39, 44, 48, 49 और 51 के तहत सुप्रदीप गुहा के खिलाफ एक स्थानीय अदालत में मामला दर्ज कराया था. सुप्रदीप पर ऐसे वन्यजीव रखने का आरोप है जिनको भारत में रखने पर प्रतिबंध है.
इसके अलावा, वन्यजीव विभाग की शिकायत पर बंगाल पुलिस ने भी सुप्रदीप के खिलाफ फर्जीवाड़ा करके वन्य जीवों की तस्करी का दर्ज किया था. सुप्रदीप ने फर्जीवाड़ा करके अवैध अनुमति पत्र हासिल कर लिया था और वन्य जीवों की सप्लाई करता था.
ईडी ने कहा, “मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत हुई जांच में पता चला है कि सुप्रदीप गुहा अवैध ढंग से वन्य जीवों की तस्करी का रैकेट चलाता था. वह एक शातिर अपराधी है. उसने अपने खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई रोकने के लिए कस्टम विभाग और वन्यजीव विभाग के सामने विरोधाभासी बयान दिए. उसने तीनों चिंपैंजी के भारत में पैदा होने का फर्जी प्रमाणपत्र बनवा लिया था. इन तथ्यों का खुलासा होने के बाद तीनों चिंपैंजी को जब्त कर लिया गया है.”
तीनों चिंपैंजी और चार अमेरिकी बंदरों को फिलहाल कोलकाता के अलीपुर जियोलॉजिकल गार्डेन में रखा गया है. इसके पहले जू अथॉरिटी ने भी ईडी से अपील की थी कि कार्रवाई करके इन वन्य जीवों को बरामद किया जाए.
सुप्रदीप ने फर्जी दस्तावेजों और बयानों के जरिये इन वन्यजीवों को वापस पाने की भी कोशिश की, लेकिन ईडी ने उसकी कोशिशों को नाकाम कर दिया. ईडी का कहना है कि इस कार्रवाई के बाद अब ये वन्यजीव जू अथॉरिटी के पास रहेंगे. तीनों चिंपैंजी जू आने वाले दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. ईडी की इस कार्रवाई से वन्यजीव तस्करों पर लगाम लगेगी.