नई दिल्ली। अयोध्या केस की सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में 26वें दिन की सुनवाई में मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा कि मुस्लिम पक्षकारों को मौजूदा और अगला पूरा सप्ताह अपनी दलीलें खत्म करने में लग जायेगा. हिन्दू पक्षकारों ने कहा कि उस पर क्रॉस आर्गुमेंट के लिए हमें 2 दिन लगेंगे. धवन ने कहा कि उसके बाद मुझे भी 2 दिन लगेंगे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप लोगों ने जो समय-सीमा दी है, उसके मुताबिक 18 अक्टूबर तक सभी पक्ष कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें रख लेंगे. यानी 17 नवंबर को चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई के रिटायर होने से पहले सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला लिखने और सुनाने के लिए एक महीने का वक्त मिलेगा.
दरअसल बुधवार को CJI ने सभी पक्षकार से यह बताने को कहा था कि उनको अपनी दलीलें पूरी करने के लिए और कितने दिन का वक़्त चाहिए. कल CJI ने पूछा था..दरअसल, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों के वकील से कहा था कि वो दलील पूरी करने की समय सीमा बताएं.राजीव धवन ने कहा था कि मूर्ति के रूप में स्वयंभू या तो आत्म-अभिव्यक्ति का रूप धारण कर सकता है या फिर मानव भी. हिन्दू पक्ष भगवान राम जन्म स्थल का सही स्थान बताने में नाकाम रहे हैं. इसलिए सिर्फ विश्वास स्वयंभूमि होने के लिए काफी नहीं है. यह एक ऐसी अभिव्यक्ति का होना चाहिए जिसे हम दिव्य रूप में स्वीकार कर सकते हैं.
जस्टिस बोबडे ने कहा था कि देवता एक रूप व्यक्ति के रूप में भी हो सकता है और नहीं भी हो सकता है या दूसरे रूप में भी हो सकता है. धवन ने कहा कि हिंदुओं की मान्यता है और अगर ऐसा होता है तो उसकी पूजा की जाती है.राजीव धवन ने कहा था कि बाबरी माजिद वक़्फ़ की संपत्ति है और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पर उसका अधिकार है. धवन ने कहा था कि 1885 के बाद ही बाबरी मस्जिद के बाहर के राम चबूतरे को राम जन्मस्थान के रूप में जाना गया.राजीव धवन ने अपनी बहस के दौरान उर्दू के शायर अल्लामा इक़बाल का शेर पढ़ा था- ‘है राम के वजूद पर हिंदुस्तान को नाज़, अहल ऐ नज़र समझते हैं इसको इमाम ऐ हिन्द.’