लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को न केवल 2024 तक दोगुना करने की तैयारी कर रही है, बल्कि लक्ष्य देश के औसत को भी पीछे छोड़ने और प्रदेश को ₹10 खरब की अर्थव्यवस्था बनाने का है। इसके लिए उन्होंने आधारभूत ढाँचे, कृषि और उद्योग जगत को धार देने की बात की। साथ ही उम्मीद जताई कि अगले चार वर्षों में ₹40 लाख करोड़ का निवेश प्रदेश में कराना उनका लक्ष्य है। उन्होंने यह सब बातें दैनिक जागरण को दिए गए विशेष साक्षात्कार में कहीं।
गोरखधाम पहुँचे गोरखनाथ के उत्तराधिकारी
योगी आदित्यनाथ बीती शाम (16 सितंबर, 2019) को गोरखपुर के गोरखधाम मंदिर के महंत के तौर पर शहर में मौजूद थे। गोरक्ष पीठ के नाम से जाने जाने वाले गोरखपुर में गोरक्ष पीठ के गुरुओं की स्मृति में नाथ सम्प्रदाय के धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनने योगी वहाँ पहुँचे थे। माना जाता है कि गोरखधाम मंदिर के मुख्य महंत (वर्तमान में आदित्यनाथ) नाथ सम्प्रदाय के संस्थापक गुरु गोरखनाथ और उनके गुरु मत्स्येन्द्रनाथ के उत्तराधिकारी होते हैं।
यशस्वी मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath एक स्वप्नद्रष्टा हैं। मगर उनके आदर्श व स्वप्न यथार्थ से टकराकर बिखरते नहीं बल्कि चुनौतियों से मुकाबला कर ये सपने आभासी दुनिया से निकल अटल यथार्थ में बदल जाते हैं। #UPCM ने अपने सपनों को @JagranNews से साझा किया।
2030 का लक्ष्य 2024 में करना है हासिल
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि फ़िलहाल 8% की दर से विकास कर रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था अपने आप ही 2030 तक ₹10 खरब के आकार को पा लेगी, लेकिन उनका लक्ष्य रफ़्तार बढ़ाकर यह लक्ष्य 2024 तक पा लेने का है। उन्होंने इसके लिए अगले 4 सालों में प्रदेश में ₹40 लाख करोड़ का निवेश, कोऑपरेटिव खेती को बढ़ावा, आधारभूत ढाँचा, औद्योगिक विकास आदि उपायों की योजनाएँ गिनाईं। साथ ही निवेश का माहौल सुधरने के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था के साथ पुलिस के आधुनिकीकरण पर ज़ोर देने का वादा किया।
आधारभूत ढाँचा होगा फ़ोकस में
योगी की योजना आधारभूत ढाँचे में तीन वर्ष में ₹25 लाख करोड़ निवेश लाने की है। इसका प्रयोग सड़कों का जाल बिछाने से लेकर सभी बु़नियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराकर कृषि और उद्योग को भी ‘बूस्टर शॉट’ देने का है। इसके अलावा गंगा एक्सप्रेस-वे, पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ एग्रीकल्चर आधारित उद्योग और बुंदेलखंड एक्सप्रेस के दोनों तरफ डिफेंस कारीडोर का भी उन्होंने ज़िक्र किया।
क्रमिक विकास बाहरियों को ही अधिक दिखता है
योगी ने यह माना कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ के मुकाबले ग्रामीण और पूर्वांचल के इलाकों में विकास बहुत कम हुआ है, लेकिन ज़ोर दिया कि अब सभी जिलों में बिना भेदभाव विकास कार्य ज़ोर पकड़ रहे हैं। स्थानीय निवासियों को विकास महसूस न होने की बात पर उन्होंने कहा, “ये शहर स्वयं विकास प्रक्रिया का हिस्सा हैं इसलिए वहाँ के निवासियों को यह चीज समझ में नहीं आती। हो सकता है गोरखपुर में रहने वालों को ही यह लग रहा हो कि शहर में विकास कार्य नहीं हो रहा है लेकिन बाहर से आने वालों का यह स्पष्ट मत है कि इस शहर में बहुत विकास हुआ है।”
नोएडा के लिए प्राधिकरण ही ज़िम्मेदार
योगी आदित्यनाथ ने साफ किया कि नोएडा और आसपास के 81 गांवों के विकास के लिए प्राधिकरण ही जवाबदेह है, और वहाँ की स्थिति की वे विशेष समीक्षा खुद कर रहे हैं। सवाल दरअसल यह था कि सरकार ने नोएडा के आसपास बसे गाँवों में से कई में ग्राम प्रधान का चुनाव न कराकर वहाँ के विकास की ज़िम्मेदारी प्राधिकरण पर ही डाल दी थी।
टैक्स चोरी के लिए जिलेवार जीडीपी पर ज़ोर, भाजपा में बाहरियों की खातिरदारी पर काटी कन्नी
योगी ने जहाँ जीएसटी की चोरी रोकने के लिए हर जिले और नगर की जीडीपी तय कर उसके हिसाब से निगरानी की बात की, वहीं भाजपा में संजय सिंह, सुरेन्द्र नागर और संजय सेठ जैसे बाहरी नेताओं को राज्यसभा भेजे जाने पर कन्नी काटते नज़र आए। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर उन्होंने “हमारा कार्यकर्ता समझदार है।” कहकर बात खत्म कर दी।
कानपुर के लिए अलग कपड़ा नीति
योगी आदित्यनाथ ने केंद्र के साथ मिलकर कानपुर के मृतप्राय कपड़ा उद्योग में जान फूँकने के लिए कानपुर के लिए विशेष बनी अलग कपड़ा नीति लाने की बात की। चमड़ा उद्योग के बारे में कहा कि प्रदेश सरकार ने न केवल चमड़ा कारखानों के औद्योगिक कचरे के लिए एसटीपी की सुविधा उपलब्ध करा दी है, बल्कि उसके लिए अपना हिस्सा भी दे दिया है। अब चमड़ा उद्योग से जुड़े लोगों को अपना हिस्सा देना है। उन्होंने साफ़ किया कि चमड़ा उद्योग को राहत के नाम पर गंगा को फिर से प्रदूषित करने की इजाज़त फिर से कतई नहीं दी जाएगी। उन्होंने कानपुर की औद्योगिक स्थिति पर IIT-कानपुर के साथ मिलकर एक श्वेत पत्र लाने के लिए भी बातचीत चालू होने का ज़िक्र किया।
अयोध्या दीपोत्सव, कुंभ की सफलता सबसे बड़ी
योगी ने अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियाँ पूछे जाने पर अयोध्या में दीपोत्सव और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा, कुंभ की सफलता और प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा में पर्यटन की संभावना और उद्योगों की आवक को बताया।