अगर कोई गेंदबाज दुनिया का नंबर एक स्पिन टेस्ट गेंदबाज हो और फिर अपनी टीम के प्लेइंग इलेवन मे जगह बनाने के लिए संघर्ष करने लगे तो उसे क्या कहेंगे. जी हां, ऐसा गेंदबाज किसी और टीम का नहीं बल्कि टीम इंडिया का ही एक गेंदबाज है. जो रैंकिंग में टॉप पर रहते ही धीरे धीरे टीम से बाहर कब हो गया पता ही नहीं चला और हाल ही में टीम इंडिया (Team India) में शामिल होने के बावजूद प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने के लिए संघर्षरत रहा. हम बात कर रहे हैं रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) की. उतरा चढ़ाव से भरपूर रही अश्विन की जिंदगी भी उनके करियर की तरह ही उतार चढ़ाव भरी रही. अश्विन मंगलवार को 33 साल के हो रहे हैं.
मां के अनुशासन ने बनाया क्रिकेटर और इंजीनियर
रविंचद्रन अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के एक तमिल परिवार में हुआ था. अश्विन ने अपने क्रिकेट की शुरुआत सलामी बल्लेबाजी से की थी. स्पिन गेंदबाज वे बाद में बने थे. उनकी परवरिश में माता पिता का अनुशासन अहम था जिसमें उनकी मां ने उन्हें पढ़ाई से कभी समझौता करने नहीं दिया. अश्विन ने भी मां का सख्त अनुशासन सिर आंखों पर रखा और इसी का नतीजा रहा कि वे इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक की पढ़ाई कर सके और साथ ही क्रिकेट पर भी ध्यान देते रहे.
बदलती रही शुरूआती करियर में भूमिकाएं
अश्विन शुरू में अपनी कद काठी को देखते हुए एक फुटबॉलर बनना चाहते थे. लेकिन वे क्रिकेट की ओर आकर्षित होते गए. सब जानते हैं कि वे शुरू में सलामी बल्लेबाजी पर ध्यान दे रहे थे, लेकिन कम लोग जानते हैं पहले वे स्पिनर नहीं एक मीडियम पेसर रहे थे. उनके कोच ने उनकी गेंदबाजी पेस से स्पिन में बदली. वे टीम इंडिया में एक स्पिनर के तौर पर शामिल किए गए थे लेकिन जल्द ही उन्होंने साबित कर दिया कि उन्हें एक ऑलराउंडर के तौर पर स्वीकार किया जाए.
शानदार रिकॉर्ड के धनी हैं अश्विन
अश्विन ने अब अपने करयिर में 65 टेस्ट, 111 वनडे और 46 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. टेस्ट करियर में उन्होंने 2.84 की इकोनॉमी और 25.43 के औसत से 342 विकेट लिए हैं. वे 26 बार एक पारी में पांच विकेट ले चुके हैं. 65 टेस्ट की 93 पारियों में अश्विन ने 54.80 के स्ट्राइक रेट और 29.14 के औसत से 2361 रन बनाए हैं जिसमें चार शतक और 11 हाफ सेंचुरी शामिल है. इस शानदार रिकॉर्ड के बाद ऐसा नहीं है कि अश्विन अपना फॉर्म खो चुके हैं. वे बस विदेशी दौरों में कि पिचों के अनुकूल नही रहे जिसकी वजह से वे टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने में संघर्ष करते दिखे. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक ही टेस्ट खेल पाने वाले अश्विन वेस्टइंडीज दौरे की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं पा सके.
छोटे प्रारूप में भी खुद को किया साबित
वनडे में अश्विन ने 32.91 के औसत और 4.91 की इकोनॉमी से 150 विकेट ले चुके हैं. उन्होंने अपना पिछला वनडे और टी20 इंटरनेशनल मैच 2017 में खेला था इसके बाद वे टीम इंडिया वनडे टीम में नजरअंदाज होते रहे. लेकिन अश्विन ने उम्मीद नहीं छोड़ी थी. लंबे समय तक आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ खेलते रहे अश्विन ने 2018 में किंग्स इलेवन पंजाब की कप्तानी की और अपना गहरा असर छोड़ा. वे ऐसे समय पर छोटे फॉर्मेट में छाए जब वे वनडे टीम के लिए चुका हुआ माने जा रहे थे.