नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) ने मंगलवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को 3030-32 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है. राजनाथ सिंह (Rajnath singh) दिल्ली स्थित सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चर्स (एसआईडीएम) के वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘भारत की अर्थव्यवस्था का वर्तमान आकार 2.7 ट्रिलियन डॉलर का है और 2024 तक इसे 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का लक्ष्य है और इसके बाद 2030-32 तक इसे 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का बनाने का लक्ष्य है.’
सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) की पहल मेक इन इंडिया के तहत सरकार का मकसद न सिर्फ भारत को एक प्रमुख शस्त्र निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है, बल्कि इसे रक्षा निर्यातक के रूप में बदलना है. वर्तमान में भारत में रक्षा उद्योग बड़े स्तर पर आयात पर निर्भर है.
राजनाथ ने कहा, “हमारी परिकल्पित रक्षा उत्पादन नीति में हमने स्पष्ट रूप से एयरोस्पेस व रक्षा वस्तुओं व सेवाओं में 2025 तक 26 अरब डॉलर के कारोबार का लक्ष्य तय किया है, जिसमें 10 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश शामिल है और करीब 20 से 30 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य है.”
PM मोदी ने सुझाया है 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने का रास्ता
इस बार के 15 अगस्त पर लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने देशवासियों से कहा था कि भारत 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी का लक्ष्य पूरा करने की ओर अग्रसर है. इतना ही नहीं उन्होंने इस लक्ष्य को पाने का तरीका भी सुझाया था.
पीएम मोदी ने कहा था कि हम 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं. गांव में उपज के भंडारण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरों में आधुनिक सुविधाओं का निर्माण, हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘पांच ट्रिलियन डॉलर के सफर को आसान बनाने के लिए हम स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, सुंदर भारत बनाने पर भी फोकस कर रहे हैं. बीते वर्षो में स्वच्छता के लिए देश के हर नागरिक ने जो योगदान दिया है, उससे स्वस्थ भारत बनाने की हमारी कोशिश को बल मिला है.’
मोदी ने कहा कि स्वस्थ भारत के लिए आयुष्मान भारत योजना भी बहुत सहायक सिद्घ हो रही है. देश के करीब 50 करोड़ गरीबों के लिए हर वर्ष पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज सुनिश्चित हो रहा है. अब तक लगभग 32 लाख गरीब मरीजों को इसका लाभ मिल चुका है.