दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज (India vs South Africa) के लिए भारतीय टीम गुरुवार को चुनी जाएगी. यह सीरीज 2 अक्टूबर से शुरू होगी. वेस्टइंडीज फतह करके आई टीम इंडिया (Team India) में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए ज्यादा बदलाव की गुंजाइश नहीं है. इसके बावजूद चयनकर्ताओं को एक बात के लिए माथापच्ची करनी पड़ सकती है. वो बात रोहित शर्मा से जुड़ी है. रोहित शर्मा (Rohit Sharma) वनडे टीम के नंबर-1 ओपनर हैं. लंबी-लंबी पारियां खेलती हैं. लेकिन टेस्ट टीम में इस खिलाड़ी की जगह ही नहीं बन रही. दूसरी ओर, टेस्ट टीमें ओपनिंग जोड़ी भारतीय टीम की समस्या बनी हुई है.
बीसीसीआई (BCCI) के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) ने कुछ दिन पहले संकेत दिए थे कि ‘हिटमैन’ रोहित शर्मा से टेस्ट मैचों में ओपनिंग कराने पर विचार हो सकता है. प्रसाद से पहले सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) इस बात को बेहद मजबूती से रखते रहे हैं कि रोहित शर्मा से टेस्ट मैचों में ओपनिंग कराना चाहिए. हो सकता है कि गांगुली के बयान के बाद ही चयनकर्ताओं को रोहित से ओपनिंग करने का ख्याल आया हो.
छठे नंबर पर सबसे कामयाब
रोहित शर्मा ने अभी तक 27 टेस्ट मैच खेले हैं. उन्होंने इन मैचों में 39.62 की औसत से 1585 रन बनाए हैं. इसमें तीन शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं. रोहित ने अब तक तीसरे से छठे नंबर पर बैटिंग की है. छठे नंबर पर उनका रिकॉर्ड सबसे बढ़िया है. उन्होंने इस नंबर पर 16 मैचों में 54.57 की औसत से 1037 रन बनाए हैं. इसी तरह तीसरे नंबर पर 4 मैच में 107 रन, चौथे नंबर पर एक मैच में चार रन और पांचवें नंबर पर नौ मैच में 437 रन बनाए हैं.
हनुमा विहारी ने छीना नंबर-6
इन आंकड़ों के आधार पर तो रोहित की जगह छठे नंबर ही बनती है. लेकिन उनसे यह नंबर हनुमा विहारी ने छीन लिया है. रोहित शर्मा ने पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था. उन्होंने इस मैच में छठे नंबर पर बैटिंग करते हुए 63* और पांच रन बनाए थे. भारत यह मैच जीता भी था. इसी मैच के बाद रोहित निजी कारण से सीरीज बीच में छोड़कर घर लौट आए. इसका फायदा हनुमा विहारी को मिला. विहारी ने अच्छी बैटिंग के साथ-साथ ऑफ स्पिन गेंदबाजी से विकेट भी झटके. वेस्टइंडीज दौरे पर भी हनुमा विहारी ने एक शतक और दो अर्धशतक लगाए.
राहुल की जगह ले सकते हैं रोहित
टीम इंडिया का मौजूदा बैटिग ऑर्डर लगभग फिक्स है. तीसरे से छठे नंबर तक चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी की जगह तय है. ऐसे में टीम प्रबंधन के सामने के दो ही विकल्प बचते हैं कि या तो वह रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखे या उनसे ओपनिंग कराए. टीम प्रबंधन ने विंडीज दौरे पर पहले विकल्प को आजमाया. लेकिन ओपनर केएल राहुल के अनियमित प्रदर्शन के कारण अब रोहित के लिए दूसरे विकल्प पर विचार किया जा रहा है.
टीम की दो दशक पुरानी कहानी…
करीब दो दशक पहले सौरव गांगुली की अगुवाई वाली टीम के सामने भी ऐसी ही चुनौती सामने आई थी. तब वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) नए-नए टीम में आए थे. उन्होंने टेस्ट करियर की शुरुआत छठे नंबर पर शतक लगाकर की. उस मैच में राहुल द्रविड़ ने शिवसुंदर दास के साथ ओपनिंग की थी. द्रविड़ ने यह भूमिका मजबूरी में, टीम इंडिया की जरूरत के लिए निभाई थी. यह उनकी स्वाभाविक भूमिका नहीं थी. जब वे तीसरे नंबर पर आए तो वीरेंद्र सहवाग की प्लेइंग इलेवन में जगह मुश्किल हो गई. तब ‘दादा’ ने नया रास्ता निकाला. उन्होंने सहवाग को ओपनिंग करने के लिए राजी किया. बाकी का इतिहास सबको पता है.
रोहित के पास ज्यादा विकल्प नहीं
आज की तारीख में जब टेस्ट में ओपनिंग की बात आती है तो भारत से दो ही नाम सबसे पहले आते हैं. पहला सुनील गावस्कर और दूसरा वीरेंद्र सहवाग. यह तो तय हो गया कि वीरेंद्र सहवाग से ओपनिंग कराने वाले सौरव गांगुली की चले तो वे रोहित शर्मा से भी ओपनिंग कराएं. अब यह मौजूदा कप्तान, कोच और चयनकर्ताओं पर है कि वे यह जोखिम उठाते हैं या नहीं. जहां तक रोहित शर्मा का सवाल है तो उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं. अगर उन्हें टेस्ट क्रिकेट मैच खेलने हैं तो ओपनिंग की भूमिका स्वीकारनी होगी. अगर वे ऐसा नहीं करते तो सिर्फ मिडिल ऑर्डर में नाकामी का इंतजार ही कर सकते हैं.