अक्टूबर में चीन सीमा के नजदीक सेना करेगी बड़ा युद्ध अभ्यास, नाम रखा है ‘हिम विजय’

नई दिल्ली। भारतीय सेना (Indian Army) पहली बार अपनी नई रणनीति को चीन की सरहद पर हिमालय के पहाड़ों में परखेगी. भारतीय सेना के Integrated Battle Groups यानि IBG को पश्चिम बंगाल के पानागढ़ स्थित 17वीं कोर के एक युद्धाभ्यास (war exercise) में उतारा जाएगा. 4 से 6 हफ्ते तक चलने वाली इस बेहद महत्वपूर्ण एक्सरसाइज़ में तीन IBG यानि लगभग 15000 सैनिक हिस्सा लेंगे. इस एक्सरसाइज़ में IBG के सरहद तक पहुंचने, मोर्चा लेने और फिर सैनिक अभियान शुरू करने के समय की गणना की जाएगी. इस एक्सरसाइज़ में सेना को कम से कम समय में मोर्चे पर पहुंचाने के लिए सड़क, रेल और वायुसेना का इस्तेमाल किया जाएगा. इस एक्सरसाइज़ में हिमालय की पहाड़ियों में हाल के वर्षों में तैयार किए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी आजमाया जाएगा. भारत-चीन बॉर्डर के नजदीक अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में बड़े स्तर पर हो रहे इस युद्धाभ्यास (war exercise) का नाम ‘हिम विजय’ (Him Vijay) रखा गया है.

पानागढ़ में देश की पहली माउंटेन स्ट्राइक कोर यानि 17 वीं कोर का गठन चीन का सामना करने के लिए कुछ वर्ष पहले किया गया था. दो साल पहले इस कोर ने लद्दाख में माउंटेन वारफेयर की तैयारी जांचने के लिए एक बड़ा सैनिक अभ्यास किया था. सेना ने अपने संगठन को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए पिछले साल से IBG बनाने शुरू किए थे. IBG एक ब्रिगेड से बड़े लेकिन एक डिवीज़न से छोटे होंगे और आधुनिक समय की जरूरत के मुताबिक बहुत कम समय में बड़े सैनिक अभियान करने के लिए तैयार किए जाएंगे. ऐसे 6 IBG पश्चिमी सीमा पर और 3 IBG पूर्वी सीमा पर तैनात किए जाएंगे.

हिमाचल प्रदेश में योल स्थित सेना की 9वीं कोर ने इसी साल की शुरुआत में अपनी तीनों IBG के साथ एक बड़ा सैनिक अभ्यास किया था. अब 17वीं कोर अपनी तीनों IBG को परखने के लिए ये अभ्यास कर रही है. इस अभ्यास के लिए ट्रेनिंग और प्लानिंग 17वीं कोर के हेडक्वार्टर पानागढ़ में शुरू हो चुकी है. अक्टूबर में शुरू होने वाले इस अभ्यास के जरिए 17वीं कोर हिमालय में कम से कम समय में दुश्मन पर घातक प्रहार करने की अपनी क्षमता को आंकेगी. ये अभ्यास तेज़पुर की 4 कोर के इलाके में होगा जो असम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है. सेना के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया है कि ये अभ्यास हालांकि चीन की सरहद के पास है लेकिन ये सरहद से इतना दूर है कि चीन को इसके बारे में औपचारिक रूप से सूचित करने की आवश्यकता नहीं है.

आपको बता दें कि IBG सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत द्वारा शुरू किए गए सेना के पुनर्गठन कार्यक्रम का मुख्य हिस्सा है. IBG में सेना के सभी अंग जैसे टैंक, तोपखाना, इंफेंट्री और जंगी हेलीकॉप्टर एक ही कमान के नीचे काम करेंगे ताकि तालमेल में आसानी रहे. सेना की 9 वीं कोर में 3 IBG, 11वीं कोर में 3 IBG और 17वीं कोर में 3 IBG बनाई जा रही हैं.

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