इजराइल में होने वाले प्रधानमंत्री के चुनाव से ठीक पहले मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बड़ा बयान दिया है. मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे वेस्ट बैंक को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने साफ कहा कि अगर वह दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं, तो वेस्ट बैंक में इजराइली बस्तियां बसा देंगे. नेतन्याहू के इस बयान के बाद एक बार फिर इस क्षेत्र की राजनीति पर दुनिया की नज़र है.
दरअसल, फिलीस्तीन और इजराइल के बीच इस वेस्ट बैंक के हिस्से को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है, रोजाना ये देश एक-दूसरे पर गोलियां और मिसाइलें दागते रहते हैं. लेकिन ये मसला हल नहीं हो रहा है, अब इसी मसले पर बेंजामिन नेतन्याहू का ये बयान चुनाव की तस्वीर को बदल सकता है. इजराइल में 17 सितंबर को मतदान होना है.
बेंजामिन नेतन्याहू ने क्या कहा?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर वह दोबारा सत्ता में आते हैं, तो इजराइल के विस्तार को जॉर्डन घाटी और नॉर्थ डेड समुद्र तक लेकर जाएंगे. अभी जो वहां पर यहूदी रह रहे हैं, उन्हें ज्यादा सुविधाएं दी जाएंगी.
इसके अलावा इजराइली पीएम ने एक और बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस मसले पर इजराइल के साथ हैं. नेतन्याहू ने कहा कि हम इस डील पर आगे बढ़ रहे हैं और अमेरिका ने भी इस मसले पर कोई दिक्कत नहीं जताई है. वहीं अमेरिका की ओर से बयान में कहा गया है कि इजराइल को लेकर हमारी नीति में बयान नहीं है लेकिन अपना नया विज़न वह आम चुनाव के बाद जारी करेंगे.
आखिर विवाद क्या है?
गौरतलब है कि इजराइल और फिलीस्तीन के बीच दशकों से विवाद चल रहा है. अगर सिर्फ वेस्ट बैंक की बात करें तो इजराइल की ओर से यहां पर लाखों यहूदियों को बसाया जा चुका है. लेकिन इसी हिस्से में करीब 25 लाख फिलीस्तीनी लोग रहते हैं.
फिलीस्तीन की मांग है कि वह वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशेलम और गाजा पट्टी को साथ मिलाकर एक देश बनाना चाहता है. लेकिन इजराइल वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशेलम पर अपना दावा करता है. इजराइल अब चार लाख यहूदियों की बस्ती का विस्तार कर उसे अपने अधिकार में लेना चाहता है.