स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में पाकिस्तान के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं. पूरे शहर में ‘पाकिस्तान में पश्तून नरसंहार’ को उजागर करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का दफ्तर है. इन दिनों यहां 42वां संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सत्र चल रहा है, जिसमें भारत, पाकिस्तान समेत कई देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इसी सत्र के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर का मसला उठाया, जिस पर भारत ने करारा जवाब दिया है.
Switzerland: Posters highlighting the ‘Pashtun genocide in Pakistan’, put up across the city of Geneva.
पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे बलूचिस्तान के लोगों ने इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सामने क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के ‘अत्याचारों’ को उजागर करते हुए अपनी बात रखी थी. वरिष्ठ बलूच कार्यकर्ता करीमा बलूच ने मार्च महीने में ही इस मंच से इस बात को उजागर किया था कि पाकिस्तान की सेना कई दशकों से बलूच प्रांत में स्थानीय लोगों का कत्लेआम करती आ रही है.
Switzerland: The Baloch Human Rights Council organised a briefing on ‘The Humanitarian Crisis in Balochistan’ at a special tent at Broken Chair, in front of the United Nations in Geneva, yesterday.
उन्होंने कहा था, “बलूच लोगों के मानवाधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जाना चाहिए और अपराधियों को न्याय का सामना करवाना चाहिए.” करीमा ने कहा कि दुनिया को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और एक अंतरराष्ट्रीय जांच इस बाबत शुरू करानी चाहिए. पाकिस्तान की ओर से उन पर हो रहे अत्याचारों के बारे में सिर्फ जिनेवा में ही नहीं दुनिया के दूसरे स्थानों पर भी बलूच लोगों ने अपनी बातें रखी हैं. इनमें ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.