देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद को कॉन्ग्रेस की बालिका वधू बताया है। आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार किए जा चुके हैं। कल गुरुवार (अगस्त 3, 2019) को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में कर्नाटक कॉन्ग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार को भी गिरफ़्तार कर लिया। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस गिरफ़्तारियों की चर्चा करते हुए कहा कि अब वह भी जेल जाने को तैयार हैं।
अपनी उम्र का हवाला देते हुए 71 वर्षीय रावत ने कहा कि वह कॉन्ग्रेस की बालिका वधू हैं, उन्होंने किसी और पार्टी की तरफ कभी देखा तक भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उनके बुढ़ापे में जेल जाने से उनकी पार्टी को फायदा होता है तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। हरीश रावत उत्तराखंड कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मनमोहन सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। सीबीआई के बारे में बात करते हुए रावत ने कहा:
“मैं जाँच में सीबीआई का सहयोग कर रहा हूँ और एजेंसी जब भी मुझे बुलाती है, मैं जाता हूँ। अगर मुझे गिरफ़्तार करना ही है तो सीबीआई उत्तराखंड आए और मुझे हथकड़ी लगा कर ले जाए। राज्य की जनता भी तो देखे कि मैंने कौन सा अपराध किया है कि पूरी सत्ता मेरे पीछे पड़ी हुई है। तभी तो जनता इन्साफ करेगी। हमारा मामला सीबीआई के दुरुपयोग का सबूत बन सकता है। मैं गिरफ़्तार होने के लिए तैयार हूँ।’
हरीश रावत ने ये सारी बातें आजतक से बातचीत में कही। रावत के ख़िलाफ़ अभी सीबीआई जाँच चल रही है। 2017 में विधायकों के ख़रीद-फरोख्त के आरोप में उन पर गिरफ़्तारी का संकट मँडरा रहा है। 2017 में उत्तराखंड में कॉन्ग्रेस की सरकार गिरने के बाद राज्यपाल की अनुमति के बाद रावत के ख़िलाफ़ सीबीआई जाँच शुरू की गई थी। नैनीताल हाईकोर्ट को सीबीआई ने बताया है कि प्रारंभिक जाँच पूरी होने के बाद अब वो हरीश रावत के खिलाफ मामला दर्जकरना चाहती है।
"मैं कांग्रेस की बालिका वधु हूँ, अगर मेरा जेल जाना पार्टी को लाभ पहुँचाता है तो सीबीआई से प्रार्थना मुझे हथकड़ी डाल कर मेरे घर से ले जाये," आजतक संवाददाता (@DilipDsr) से ख़ास बातचीत में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा। #ReporterDiary https://t.co/mf6keLW7vJ pic.twitter.com/5ruRyrMPDU
— AajTak (@aajtak) September 4, 2019
गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस नेता लगातार केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति करने और सरकारी जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं।