नई दिल्ली। पहलू खान केस में लोअर कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने अहम मीटिंग बुलाई. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट में अपील के साथ जांच का आदेश दिया. सीएम गहलोत के आदेश के बाद इस बात की जांच की जाएगी कि कहीं जानबूझकर जांच को प्रभावित तो नहीं किया गया. केस की सही ढंग से जांच हुई है कि नहीं हुई है.
इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा. मायावती ने कहा, ‘राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान माब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहां की निचली अदालत से बरी हो गए. यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहां की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं.’
राजस्थान के पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में अदालत से सभी आरोपी बरी हो गए थे. अलवर के जिला कोर्ट ने सबूतों की कमी के आधार पर आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है.
राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान माब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहाँ की निचली अदालत से बरी हो गए, यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहाँ की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं।
इस मामले में पीड़ितों के वकील योगेंद्र सिंह खड़ाना ने भी इशारा किया था कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद इसका अध्ययन कर वे इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे. पहलू खान मामले में कुल 9 आरोपी थे. इनमें से 3 आरोपी नाबालिग थे. बुधवार को अदालत ने 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया था.
अदालत ने अपने आदेश में वीडियो फुटेज को सबूत नहीं माना था. कोर्ट ने अपने आर्डर में कहा था कि पुलिस ने वीडियो फुटेज की एफएसएल जांच नहीं कराई. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि पहलू खान के बेटे आरोपियों की पहचान नहीं कर सके. इन्हीं आधारों पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.