नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर इन दिनों जहां राजनीतिक पार्टियां दो समुदाय को अलग-अलग बांट कर वोट लूटने का काम करती हैं. वहीं इन दिनों श्रावण मास में चल रही कांवड़ यात्रा में अनोखा नजारा देखने को मिला, जहां एक मुस्लिम युवक ने साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश की है. बागपत के इंछोड का रहने वाला मुस्लिम युवक बाबू खान नाम का एक व्यक्ति हरिद्वार से कांवड़ ला रहा है, जोकि बागपत में गांव के शिवालय में भगवान भोले नाथ को जलाभिषेक करेगा. बाबू खान कि ये दूसरी कांवड़ यात्रा है और वह ये कांवड़ भाईचारे के लिए ला रहे हैं.
बाबू खान ने बताया कि वह मुस्लिम समुदाय से है और उनका नाम बाबू खान है. बाबू खान का कहना है कि 15 अगस्त 1947 में यह देश आजाद हुआ था और जब यह हिंदुस्तान आजाद है तो बाबू खान भी अपने दिल का आजाद है. बाबू खान का यह कहता है इमान इधर गीता है इधर कुरान और सब धर्म को एक धर्म समझकर सन् 2018 में भोले की कावड़ उठाई थी और सन् 2019 में भोले के कहने से पार्वती की कावड़ ला रहा हूं और जोड़ा बना रहा हूं.
इस्लाम धर्म में कावड़ जायज नहीं है. बाबू खान जो कावड़ ला रहा है वह भाईचारे का संदेश देने के लिए ऐसा कर रहा है. जो मेरे सामने जातिवाद की बात करेगा, वह मेरा पक्का दुश्मन है. बाबू खान ग्राम इंछोड जिला बागपत का रहने वाला है और वह हरिद्वार से यह दूसरी बार कांवड़ यात्रा कर रहा है. कांवड़ यात्रा पर बात करते हुए बाबू खान ने कहा कि ‘मैं दो बार कांवड़ लेकर आया हूं और देश में आपसी भाईचारे का संदेश देना चाहता हूं.’