नई दिल्ली। करगिल विजय दिवस के बीस साल पूरे होने पर शनिवार को देश की राजधानी नईदिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत समेत कई लोगों ने शिरकत की, ये पहला मौका था जब कारगिल विजय दिवस के कार्यक्रम में किसी प्रधानमंत्री ने शिरकत की और देश को संबोधित किया।
दबाव में नहीं आएंगे
पीएम मोदी ने साफ कहा कि राष्ट्र सुरक्षा के लिये ना किसी के दबाव में काम करेंगे और ना किसी के प्रभाव में और ना ही किसी अभाव में काम होगा, चाहे अरिहंत के जरिये परमाणु त्रिकोण की स्थापना हो, या फिर ए सैट परीक्षण, हमने दबावों की परवाह किये बिना कदम उठाये हैं, और आगे भी उठाते रहेंगे, पीएम ने कहा कि गहरे समंदर से लेकर असीम अंतरिक्ष तक जहां-जहां भी भारत के हितों की सुरक्षा की जरुरत होगी, भारत अपने सामर्थ्य का भरपूर उपयोग करेगा।पीढियां प्रेरित होगी
पीएम मोदी ने वहां मौजूद शहीद सैनिकों के परिवारों और आम लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश कारगिल की शौर्यगाथा को याद कर रहा है, इसकी शौर्यगाथा से पीढियां प्रेरित होंगी, मोदी खुद भी भावुक हो गये, उन्होने कहा कि जवानों की वीरता और पराक्रम को देखकर आंखें भर आई। अदम्य साहस की जीत
नरेन्द्र मोदी ने आगे बोलते हुए कहा कि करगिल विजय अदम्य साहस की जीत थी, भारत की मर्यादा और अनुशासन की जीत थी, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद करगिल जाने का मौका मिला, मैं 1999 में भी युद्ध के दौरान करगिल गया था, करगिल विजय स्थल मेरे लिये तीर्थ स्थल के समान है, पीएम ने बताया कि करगिल पर हर भारतीय जवान तिरंगा लहराना चाहता था, जवानों ने खूब रक्तदान किया, तो बच्चों ने अपनी गुल्लकें तोड़ दी थी।पाक ने हमेशा छल किया
पीएम ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद को फैलाने के लिये छद्म युद्ध का सहारा ले रहे हैं, पाक ने हमेशा से ही छल किया है, लेकिन अब हमने पाक का छल चलने नहीं दिया, हमने पाक के छल को छलनी कर दिया, पाक को भारत से ऐसे जबाव की उम्मीद नहीं थी, भारत की रणनीतिक बदलाव दुश्मन पर भारी पड़ा, पीएम मोदी ने कहा कि पाक ने करगिल में दुस्साहस करके 1999 में सीमाओं को फिर से खींचने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया।