बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर के बालोतरा के पास स्थित जसोल कस्बे में आंधी के कारण पंडाल गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 24 लोग घायल भी हुए हैं. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मृतकों में 11 पुरुष, 2 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल है. मृतकों में 12 लोगों की पहचान हो गई है. हादसे में मृतको के परिजनों को 5 लाख रुपए सहायता राशि देने का ऐलान प्रदेश सरकार ने किया है. वहीं, घायलों को 2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है. एनएनआई की ट्वीट के अनुसार, जोधपुर जिला कलेक्टर को घटना की जांच का आदेश दिया गया है.
बताया जा रहा है कि जसोल गांव के धाम में रामकथा कार्यक्रम के लिए बड़ा पंडाल लगाया गया था. रविवार दोपहर बाद आई तेज आंधी और बारिश से पंडाल का कुछ हिस्सा गिर गया और इससे वहां भगदड़ मच गई. मिली जानकारी के अनुसार, लोग यहां पर रामकथा सुनने आए थे. इसी दौरान तेज बारिश और आंधी तूफान के कारण ये टेंट गिर गया. इस कारण इसमें करंट फैल गया. मृतकों की संख्या का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. प्रदेश के सीेएम अशोक गहलोत ने घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके अलावा सीएम गहलोत सोमवार को बाड़मेर जाएंगे. इस दौरान वो मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे.
दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है. टेंट में अब भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है. लोगों को टेंट के नीचे से बाहर निकालने की कोशिश भी की जा रही है. बताया जा रहा है कि कई लोगों की मौत दम घुटने और करंट लगने से हुई. 70 लोगों के घायल होने की खबर है. इसमें 45 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. इन्हें बाड़मेर रैफर किया गया है. जिला कलेक्टर हिमांशू गुप्ता बालोतरा पहुंच चुके हैं. जिसके बाद उन्होंने अस्पताल पहुंच कर घायलों के इलाज को लेकर फीडबैक लिया है. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं का घटना स्थल और अस्पताल में पहुंचना जारी है. जिला कलेक्टर के अलावा एसपी राशि डोगरा भी वहां मौजूद हैं. इसके अलावा बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने भी अस्पताल पहुंच कर घायलों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की.
इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा है कि बाड़मेर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मेरी प्रार्थना है कि घायल लोग जल्द से जल्द स्वस्थ हों. घटना पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी घटना पर दुख जताया है. इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने टेंट गिरने से हुई भगदड़ में लोगों की मौत और उससे उपजे हालात पर अधिकारियों को नजर रखने को कहा है. शाह ने गृह मंत्रालय की तरफ से मदद करने की बात कही है.
इस घटना के बाद प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. डॉक्टरों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है. हमारे संवाददाता के अनुसार, रामकथा कार्यक्रम के लिए कोई भी प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई थी. इसके अलावा एसडीएआरएफ की टीम जोधपुर से रवाना हो चुकी है. स्थानीय लोगों की मदद से तत्काल राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने आस-पास के डॉक्टरों को वहां जल्द पहुंचने का निर्देश दिया है.
इसके साथ ही जिन मृतकों की पहचान हुई है. उनके नाम हैं- देवीलाल पुत्र भीमाराम, बालोतरा, सुंदरदेवी पत्नी जेहराम, जसोल, जबरसिंह गोलिया, केवलदास संत, जसोल, पेमाराम पुत्र कुम्भाराम, जसोल, चंपालाल पुत्र ताराचंद, मूंगड़ा, अविनाश व्यास, जोधपुर, इंदरसिंह, पुत्र मोतीसिंह, जागसा, सांवलदास संत, जसोल, मालमसिंह पुत्र उम्मेदसिंह, अजमेर, रमेश कुमार राठी, जकसोल, नेनुदेवी पत्नी हजारासिंह, जितेंद्र पुत्र जगदीश, पारलू, नारंगी पत्नी जोगाराम, पादरू.