नई दिल्ली। तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर विरोध जारी है. तमिलनाडु के त्रिची जिले में कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों ने सरकारी दफ्तरों में हिन्दी में लिखे गए नामों के ऊपर काला पेंट कर दिया है. त्रिची जिले में BHEL, BSNL और डाक विभाग और रेलवे स्टेशन के दफ्तर हैं यहां बोर्ड पर हिंदी, अग्रेजी और तमिल भाषा में नाम और पता लिखा हुआ है. शनिवार को लोग तब हैरान रह गए, जब उन्होंने बीएसएनएल ग्राहक सेवा केंद्र पर हिन्दी के अक्षरों पर काला पेंट देखा.
कुछ ही देर में पता चला कि ऐसी ही हरकत पोस्ट ऑफिस के दफ्तर पर की गई है. त्रिरुचुरपल्ली एयरपोर्ट के बोर्ड पर भी काले रंग का पेंट किसी ने कर दिया था. स्थानीय पुलिस अब ये पता करने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के पीछे किन लोगों का हाथ है. बता दें कि कुछ दिन पहले भी तमिलनाडु में ऐसी ही घटना हुई थी. यहां पर सड़कों के किनारे किलोमीटर दर्शाने वाले नाम पर कुछ बदमाशों ने स्याही पोत दी थी.
तमिलनाडु में कुछ दिन से हिंदी भाषा का विरोध हो रहा है. इसकी शुरुआत तब हुई जब मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा गठित एक कमेटी ने पूरे देश में तीन भाषा का फार्मूला लागू करने का सुझाव दिया. इसके तहत तमिलनाडु में अंग्रेजी और स्थानीय भाषा के अलावा हिंदी पढ़ाने की सिफारिश की गई थी.
डीएमके समेत तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने इस सिफारिश का विरोध किया था. डीएमके ने लगभग धमकी देते हुए कहा था कि अगर तमिलनाडु के लोगों पर हिन्दी थोपने की कोशिश की गई तो इसका बुरा अंजाम होगा. ड्राफ्ट कमेटी के इस प्रस्ताव का इतना विरोध हुआ कि सरकार ने तुरंत सफाई दी. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि राज्य के किसी भी हिस्से में किसी भी व्यक्ति पर कोई भी भाषा थोपने की सरकार की मंशा नहीं है. हालांकि तमिलनाडु में हिंदी विरोध के नाम पर कई राजनीतिक दल अपनी सियासत चमकाने की कोशिश कर रहे हैं.