नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली करारी हार से अब पश्चिम बंगाल की टीएमसी में बड़ी फूट के संकेत दिख रहे है. बताया जा रहा है कि आज दिल्ली में टीएमसी के 3 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. वहीं ऐसी भी खबर है कि राज्य में टीएमसी के कई पार्षद भी बीजेपी शामिल होंगे. सूत्रों के हवाले से खबर है कि टीएमसी से सस्पेंड किए गए बीजापुर से विधायक सुभ्रांशु रॉय और 15-16 टीएमसपी काउंसलर आज दिल्ली में बीजेपी नेता मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल होंगे.
ममता बनर्जी की पार्टी के विधायक सुभ्रांशु के अलावा जिन दो विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की खबर है उनमें शीलभद्र दत्ता और सुनील सिंह भी शामिल है. बता दें कि शुभ्रांशु मुकुल रॉय के बेटे हैं, ऐसी भी खबर है वह अपने साथ टीएमसी के 29 काउंसलर भी लेकर बीजेपी में शामिल करवाने के लिए लेकर आने वाले है. बताया जा रहा है कि दो निगमों में से टीएमसी के 29 पार्षदों को भी आज बीजेपी में शामिल होना है, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से टीएमसी के लिए बढ़ा झटका.
बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की उनकी विचारधारा के लिये हत्या : मोदी, टीएमसी का इंकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की सिर्फ उनकी राजनीतिक विचारधारा के लिये हत्या की जा रही है, हालांकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इन आरोपों को निराधार बताया है. टीएमसी ने दावा किया कि इसके उलट उसके कार्यकर्ताओं को राजनीतिक हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है.
बंगाल के उत्तर 24 परगना के भाटपारा में बीजेपी कार्यकर्ता चंदन शॉ की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद मोदी और तृणमूल कांग्रेस के बीच नए सिरे से जुबानी जंग शुरू हो गई है. इस हत्या को लेकर पहले ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था. बीजेपी का आरोप है कि इसके पीछे तृणमूल का हाथ है जबकि सत्ताधारी पार्टी ने इन आरोपों को निराधार बताया है.
इससे पहले शुक्रवार की रात नादिया जिले के चकदाहा कस्बे में 23 साल के एक बीजेपी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, बीजेपी ने इस मामले में भी टीएमसी का हाथ होने का आरोप लगाया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि हो सकता है कि हत्या बीजेपी की अंदरुनी लड़ाई की वजह से हुई हो.
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लोगों को धन्यवाद देने के लिये सोमवार को वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने “राजनीतिक छुआछूत” और राजनीतिक हिंसा के रूप में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के समक्ष खतरे के बारे में कहा कि विचारधारा की वजह से बंगाल में उनकी हत्या की जा रही है.
मोदी ने कहा, “केरल या कश्मीर, बंगाल या त्रिपुरा के मामले लीजिए, यह मीडिया में नहीं आएंगे. कुछ लोगों की चुनिंदा संवेदनशीलता होती है. सैकड़ों कार्यकर्ताओं की सिर्फ उनकी राजनीतिक विचारधारा के लिये हत्या कर दी गई. त्रिपुरा में कार्यकर्ताओं को सूली पर लटका दिया गया. बंगाल में हत्याएं अब भी जारी हैं. केरल में भी…संभवत: भारत में सिर्फ एक सियासी दल ने इस तरह की हत्याओं का सामना किया है. हिंसा को वैधानिकता दे दी गई है. हमारे समक्ष यह खतरा है.”
आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की निर्ममता से हत्या की जा रही है. अपना नाम जाहिर नहीं करते हुए नेता ने दावा किया कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बीजेपी का एक भी कार्यकर्ता नहीं मारा गया.
नेता ने कहा, “आरोप (मोदी के) निराधार हैं. तथ्य यह है कि राजनीतिक हिंसा की वजह से बंगाल में बीजेपी का एक भी कार्यकर्ता नहीं मारा गया. पंचायत चुनावों के दौरान बीजेपी द्वारा 30 से ज्यादा तृणमूल कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई. उन्होंने एक तृणमूल विधायक की भी हत्या कर दी.” लोकसभा चुनावों के नतीजों के गुरुवार को ऐलान के बाद से ही बंगाल के कई इलाकों से हिंसक वारदात की खबरें सामने आईं. बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की जबकि तृणमूल के खाते में 22 सीटें आईं. 2014 में बीजेपी के पास राज्य में लोकसभा की सिर्फ दो सीटें थीं.