नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है. भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का अगला लक्ष्य अब राज्यसभा में बहुमत हासिल करना है. उम्मीद ये है कि नवंबर 2020 तक एनडीए का ये सपना भी पूरा हो जाएगा. राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते है. एनडीए के पास अभी 102 सदस्य हैं. बहुमत के लिए एनडीए को 123 से ज्यादा सांसद चाहिए होंगे. यानी 21 सांसद की कमी है. जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के पास 66 और दोनों गठबंधनों से बाहर के दलों के पास 66 सदस्य हैं.
एनडीए नवंबर 2020 तक 14 राज्यों में होने वाले चुनावों से 21 सांसदों की कमी को पूरा कर लेगी. इन राज्यों से एनडीए को 16 नए सांसद मिल सकते हैं. हांलाकि, एनडीए को 5 सीटों की कमी तब भी रहेगी. वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन मिलेगा तो बीजेपी यह आंकड़ा छू लेगी. अगले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश में खाली होने वाली राज्यसभा की 10 में से अधिकांश सीटें एनडीए जीतेगी. इनमें से 9 सीटें अभी विपक्षी दलों के पास हैं. जिसमें से 6 सपा, 2 बसपा और 1 कांग्रेस के पास है.
अभी राज्यसभा में एनडीए के सीटों की स्थिति
- भाजपा 73
- अन्नाद्रमुक 13
- जदयू 06
- अकाली दल 03
- शिवसेना 03
- नॉमिनेटेड 03
- आरपीआई 01
ऐसे मिलेगी एनडीए को राज्यसभा में बहुमत
उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा के 309 सदस्य हैं. सपा के 48, बसपा के 19 और कांग्रेस के 7 सदस्य हैं. अगले साल तक भाजपा को असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश में सीटें मिलेंगी. महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के परिणामों का भी राजग की सीट संख्या पर असर होगा. हालांकि असम की दो सीटों के चुनाव की घोषणा हो चुकी है, जबकि तीन अन्य सीटें राज्य में अगले साल तक खाली हो जाएंगी. दो सीटें अगले महीने असम में खाली हो जाएंगी और छह सीटें इस साल जुलाई में तमिलनाडु में खाली हो जाएंगी.
अगले साल अप्रैल में 55 सीटें खाली होंगी, पांच जून में, एक जुलाई में और 11 नवंबर में खाली होंगी. एनडीए को अभी स्वप्न दासगुप्ता, मैरीकॉम, नरेंद्र जाधव और 3 स्वतंत्र सांसदों का भी समर्थन प्राप्त है. 2020 की शुरुआत में यूपीए द्वारा मनोनीत केटीएस तुलसी रिटायर हो जाएंगे, तो एनडीए को उनकी जगह अपनी पसंद के एक सांसद को मनोनीत करने का भी अवसर मिल जाएगा.
बीजू जनता दल और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) दोनों ने हालांकि बीजेपी और कांग्रेस से समान रूप से दूरी बना रखी है, लेकिन दोनों ने पिछले साल राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए सत्तापक्ष के उम्मीदवार हरिवंश का समर्थन किया था.
बहुमत के बाद पास होंगे कई अटके बिल
राज्यसभा में बहुमत मिलने के बाद मोदी सरकार के लिए कई अटके हुए बिलों को पास करा लेगी. पिछले पांच सालों के दौरान विपक्ष के विरोध के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही थीं. बहुमत होने के बाद तीन तलाक बिल, मोटर वाहन एक्ट, सिटीजनशिप बिल, भूमि अधिग्रहण बिल और आधार बिल के पास होने की पूरी उम्मीद है. अगर भाजपा का ये सपना पूरा होता है तो 15 में पहली बार ऐसा होगा कि किसी सरकार को बहुमत मिलेगा.