अहमदाबाद। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही उद्योगपति अनिल अंबानी ने एक बड़ा फैसला लिया है. अनिल अंबानी की मालिकाना हक वाली रिलायंस ग्रुप ने फैसला लिया है कि राफेल सौदे पर एक लेख को लेकर कांग्रेस नेताओं और नेशनल हेराल्ड अखबार के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा वापसा लिया जाएगा. ये मानहानि का मुकदमा 5000 करोड़ का है और अहमदाबाद की अदालत में दर्ज है. इस मुकदमे की सुनवाई सिटी सिविल सेशन जज पी जे तमकुवाला की अदालत में हो रही थी.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में और उससे पहले भी इस मामले को कांग्रेस ने काफी जोरशोर से उठाया था. रिलायंस ग्रुप के वकील रशेष पारिख ने कहा हे कि अब ये पुरा मामला सुप्रीम कोर्ट में है. उन्होंने कहा कि इस बावत नेशनल हेराल्ड को भी जानकारी दे दी गई है. नेशनल हेराल्ड के वकील पी एस चंपानेरी ने बताया कि उन्हें रिलायंस ग्रुप के वकील ने सूचना दी है कि वे केस वापस ले रहे हैं.
चंपानेरी ने कहा कि मुकदमे को वापस लेने की औपचारिक प्रक्रिया अदालत की गर्मी की छुट्टियां समाप्त होने के बाद शुरू होंगी. नेशनल हेराल्ड ने राफेल विमान सौदे को लेकर एक लेख छापा था. इसे विश्वदीपक नाम के पत्रकार ने लिखा. रिलायंस ने पत्रकार विश्वदीपक और इसके संपादक जफर आगा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. ये केस पिछले साल 16 अगस्त को दायर किया गया था.
अखबार ने जो लेख छापा था उसका शीर्षक था, “अनिल अंबानी ने मोदी द्वारा डिफेंस डील की घोषणा करने से मात्र 10 दिन पहले बनाई थी रिलायंस डिफेंस.” रिलायंस ने अपने पिटीशन में आरोप लगाया था कि लेख का शीर्षक झूठ और अपमानजनक है. यह लेख जनता को गुमराह करने वाला है. याचिका में कहा गया था कि ये लेख रिलयांस ग्रुप की नकारात्मक छवि पेश करती है और अनिल अंबानी की छवि को नुकसान पहुंचाती है. याचिका में कहा गया था कि इससे उनकी गुडविल को नुकसान पहुंचा है और उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. इसकी भरपाई के लिए 5000 करोड़ दिया जाए.