नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता राजेंद्र पाल गौतम ने लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटरों के कन्फ्यूज होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिलने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन मुस्लिम वोटर ने कन्फ्यूजन में वोट डाला, जिसके चलते कुछ वोटर कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुआ.
इसके अलावा राजेंद्र पाल गौतम ने आरोप लगाया कि वोटिंग से दो रात पहले गरीब वोटरों को पैसे बांटे गए, जिसके चलते भी वोट ट्रांसफर हुए हैं. राजेन्द्र पाल गौतम उत्तरी-पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी विधानसभा से विधायक भी हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर रविवार 12 मई को छठवें चरण में वोट डाले गए थे और कुल मतदान 60.52 फीसदी रिकॉर्ड किया गया था. दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई थी. यहां पर 63.39 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
इस लोकसभा क्षेत्र में दिल्ली की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है. यहां करीब 23 फीसदी मुस्लिम है, जिसमें सीलमपुर और मुस्तफाबाद जैसे मुस्लिम बहुल इलाके आते हैं. उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित, बीजेपी प्रत्याशी मनोज तिवारी और आम आदमी पार्टी प्रत्याशी दिलीप पांडेय के बीच मुकाबला है. वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली के अलावा चांदनी चौक और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर भी मुस्लिम वोटरों की तादाद निर्णायक है.
चुनाव प्रचार में आप मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार वोट न बंटने की अपील कर रहे थे. आप को ये आस थी कि बीजेपी के विरोध में मुस्लम समाज का वोट उसे एकतरफा मिलेगा. लेकिन वोटिंग के बाद चर्चा ये रही कि कांग्रेस के हिस्से भी मुस्लिम समाज का वोट गया है. इस चर्चा की अब केजरीवाल के मंत्री ने पुष्टि कर दी है और कहा है कि मुस्लिम वोटरों ने कंफ्यूजन में वोटिंग जिसके चलते कांग्रेस को भी उनका वोट गया.
मेरी विधानसभा में करीब 67% वोट डाला गया है. इसके अलावा गर्मियों का असर था और पूर्वांचलियों के यहां शादियां थीं, जिसके चलते वो अपने गांव चले गए थे. इसके साथ ही रोजे का असर भी वोटिंग में देखने को मिला. हालांकि इसके बावजूद अच्छा वोट पड़ा.
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में आम आदमी पार्टी को बहुत वोट मिला. कुछ बीजेपी का वोट भी हमें मिला, लेकिन हमारा कोर वोटर शीला दीक्षित और कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुआ है. इसकी वजह चुनाव से पहले की 2 रात हैं. चुनाव से दो दिन पहले हम एकतरफा जीत रहे थे, लेकिन अब जीत का अंतर लाखों वोट की बजाय हजार तक रह सकता है.
हमें शिकायत मिली है कि उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में रातभर मोटी रकम बांटी गई. वोटिंग खत्म होने के बाद हमें वोटरों ने पैसा बांटने की जानकारी दी. ज्यादातर गरीब लोगों ने पैसे लेकर वोट दिए, जिस वजह से वोट ट्रांसफर हुए. उत्तरी-पूर्वी लोकसभा की सीमापुरी विधानसभा में अच्छा वोट मार्जिन दिलीप पांडेय को मिलेगा. हालांकि कई अन्य विधानसभाओ में काटें की टक्कर है, जिसकी वजह से जीत का अंतर अब कम होगा.
हम विश्वास कर रहे थे कि आम आदमी पार्टी को सभी सात सीटें मिलेंगी, लेकिन लोग वोट देते वक्त कंफ्यूज हो गए थे. खासतौर पर मुस्लिम ने कन्फ्यूजन में वोट डाला, जिसकी वजह से कुछ प्रतिशत वोट कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुआ है और सातों सीटों पर जो जीतने की उम्मीद कर रहे थे, वो कमजोर हुए है. अब हो सकता है कि सात में से एक या दो सीट कम आएं.
दरअसल लोगों के बीच ये कंफ्यूजन फैलाया गया कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और केंद्र में नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी. ये संदेश देने की कोशिश कांग्रेस की तरफ से की गई. ये मैसेज वोटिंग से 2 दिन पहले फैलाया गया और हम उसे पकड़ नहीं पाए, लेकिन उम्मीद है कि 7 में से 5 सीटों पर जरूर जीतेंगे.
मुझे लगता है कि यमुना पार की दोनों सीट हम जीत रहे हैं. राघव चड्ढा की साउथ दिल्ली लोकसभा सीट और उत्तरी पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर भी जीत रहे हैं. हालांकि चांदनी चौक और नई दिल्ली लोकसभा में कांटे की टक्कर हो सकती है.
जनता ने वोट डालने के बाद खुलेआम कहा कि दिल्ली के काम का कोई मुकाबला नहीं है और दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी को ही जिताएंगे, लेकिन ये लोकसभा का चुनाव था.
दिल्ली के विधानसभा चुनाव में इस चुनाव का कोई असर नहीं होगा. हालांकि राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं होता है. समय-समय पर रणनीति बदलनी होती है और इस पर आम आदमी पार्टी मंथन करेगी. अगर सातों सीटों पर जीत नहीं मिलती है और सिर्फ 5 सीट ही जीतते हैं, तो हर बूथ में कितना वोट पड़ा इसका आकलन करेंगे.